हिमाचल प्रदेश आने वाली हर गाड़ी पर नजर, नियम तोड़ने पर कटेगा चालान

शिमला : हिमाचल आने वाली और हिमाचल से बाहर जाने वाली हर गाड़ी पर परिवहन विभाग अब एएनपीआर यानी ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्नेशन सिस्टम से नजर रखेगा।

हिमाचल में परिवहन विभाग के 12 बेरियर है। हर बैरियर पर परिवहन विभाग यह सिस्टम स्थापित करेगा। विभाग द्वारा 1.50 करोड़ की लागत प्रदेश के सभी ट्रांसपोर्ट बैरियर पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्नेशन सिस्टम स्थापित किया जाएगा।

इसमें यदि कोई भी वाहन चालक नियमों का उल्लंघना करता है। जैसे वाहन तेजी से चला रहा है, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट एक्सपायर हो गया है या टैक्स अदा नहीं किया या फिर परमिट नहीं है। ऐसे में वाहन चालक का ऑटोमैटिक चालान कट जाएगा।

यह जानकारी बुधवार को उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने सचिवालय में पे्रस वार्ता के दौरान दी। उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट बैरियरर्ज ऑटोमैटिक प्रणाली को स्थापित करने लिए सरकार ने हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिोनिक डिवेलपमेंट कारपोरेशन को 1.50 करोड़ की राशि जारी की है।

उन्होंने कहा कि सरकार के राजस्व का बढ़ाने के लिए परिवहन विभाग व एचआटीसी में बहुत से नए आयाम स्थापित किए हैं। अभी तक परिवहन विभाग पांच महीनों में 323 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित कर चुका है।

राज्य सरकार द्वारा लोगों की सुविधा के लिए परिवहन विभाग और एचआरटीसी में हेल्प डेस्क स्थापित होंगे। ये डेस्क सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे काम करेंगे।

सभी जानकारी यहां उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1100 पर आई शिकायतों का निपटारा भी यह डेस्क करेंगे।

कॉलेजों-स्कूलों में अब सडक़ सुरक्षा की जानकारी विद्यार्थियों को दी जाएगी। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए 135 कॉलेजों केो 30 हजार और 1895 कॉलेजों को 10 हजार रुपए दिए जाएंगे।

इससे सडक़ सुरक्षा क्लबों का गठन किया जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग को तीन करोड़ 24 लाख 75 हजार रुपए दिए हैं। इसके साथ ही सड़क सुरक्षा पर कैंप लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग को 12 लाख रुपए दिए गए हैं।

इसके अतिरिक्त पुलिस को सड़क सुुरक्षा के लिए पेट्रोलिंग इंटरसेप्टर व्हीकल, मेडिकल किट, बैरियर बनाने व क्रेन खरीदने के लिए आठ करोड़ 40 लाख रुपए की राशि दी है।

इसके साथ ही ब्लैक स्पॉट को ठीक करने के लिए लोक निमार्ण विभाग को नौ करोड़ जारी किए हैं।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अब परिवहन विभाग के ऑफिसर भी पुलिस कर्मियों की तरह बॉडी कैमरा से लैस होंगे। ऑफिसर जब भी निरीक्षण पर जाएंगे, ये कैमरे पहन कर जाएंगे।

इससे चालान के दौरान होने वाली पूरी बातचीत कैमरे में रिकॉर्ड होगी। उन्होंने परिवहन विभाग निदेशक को छह महीने मेें कैमरे देने के निर्देश दिए।

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