मंडी : आईआईटी मंडी में रैगिंग का मामला सामने आया है। शिकायत मिलने के बाद आईआईटी प्रबंधन ने इस मामले में संलिप्त 72 विद्यार्थियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई है और इनमें से 10 विद्यार्थियों को 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया है और छात्रावास भी खाली करवा दिए हैं।
आईआईटी मंडी में बीते महीने मीटिंग एवं ग्रीटिंग की आड़ में प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों की रैगिंग की गई। रैगिंग के दौरान जूनियर विद्यार्थियों को मुर्गा तक बनाने की बात भी सामने आई है।
इसके बाद पीड़ित विद्यार्थियों ने इस मामले की शिकायत आईआईटी के एंटी रैगिंग सैल में की थी। इसके बाद एंटी रैगिंग सैल ने जांच बिठाई और दोषी पाए जाने के बाद आईआईटी प्रबंधन ने कार्रवाई करते हुए 72 विद्यार्थियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई।
आरोपियों में आईआईटी के छात्र संगठन के 3 पदाधिकारी भी इस रैगिंग के मामले में संलिप्त हैं। आईआईटी प्रबंधक ने प्रैस विज्ञप्ति जारी करके माना कि संस्थान में रैगिंग की एक घटना सामने आई, जिसमें पता चला कि फ्रैशर्स के साथ रैगिंग की घटना में बीटैक के कुछ छात्र शामिल थे।
जुर्माने के तौर पर कुछ विद्यार्थियों को 15000 रुपए और 20 घंटे की सामुदायिक सेवा, कुछ को 20000 रुपए और 40 घंटे की सामुदायिक सेवा और कुछ एक को 25000 रुपए और 60 घंटे की सामुदायिक सेवा के साथ-साथ 10 छात्रों का दिसम्बर, 2023 तक शैक्षणिक और छात्रावास से निलंबन किया गया है।
आईआईटी प्रबंधक का कहना है कि आईआईटी मंडी यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि परिसर में सभी विद्यार्थी सुरक्षित महसूस करें और उन्हें किसी भी प्रकार के उत्पीड़न का सामना न करना पड़े।
आईआईटी संस्थान छात्रों को ऐसी घटनाओं की तुरंत रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करता है ताकि सुधारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके और परिसर में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।