शिमला : पर्यावरण,विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग तथा हीलिंग हिमालय ने रविवार को होटल लारिसा में भारत में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन,कचरा प्रबंधन एवं प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पर हितधारकों की चर्चा विषय परअर्द्धदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।
इस कार्यशाला के आयोजन का उद्देश्य हिमालय की प्राकृतिक संदरता को संरक्षित करना, जमीनी स्तर पर प्रभावी क्षेत्रीय प्रयास एवं संचालन के लिए रणनीतियों पर मंथन करना तथा अपशिष्ट प्रबंधन व कचरा प्रबंधन में संलग्न सभी हितधारकों के साथ भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए चुनौतियों पर व्यावहारिक चर्चा द्वारा ज्ञान साझा करना था।
निदेशक पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ललित जैन ने कचरा प्रबंधन एवं प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पर विभाग द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला और बाई बैक पॉलिसी के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
डा. प्रदीप सांगवान, हीलिंग हिमालय तथा डा. सुरेश अत्री, मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी, पर्यावरण विभाग ने अपने भाषण में पंचायतों से आए प्रतिभागियों तथा पंचायतों में किए गए कचरा प्रबंधन कार्यों की जानकारी साझा की।
उन्होंने बताया कि 25 जून, 2023 से हिमाचल से दस हजार लोगों को जोडक़र पर्यावरण विभाग तथा हीलिंग हिमाचल में स्वच्छता अभियान शुरू करने जा रहे हैं। आर्ट आफ लिविंग संस्था से दीपक शर्मा ने देश में स्वच्छता अभियान के अंतर्गत संस्था द्वारा किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला।
सभी प्रतिभागियों ने कचरे के पुनर्चक्रण, संग्रह, अपशिष्ट प्रबंधन, शून्य अपशिष्ट, स्वच्छता कार्यक्रम, पर्यटन विभाग के अंतर्गत अपशिष्ट प्रबंधन पर नीति निर्माण तथा स्वच्छता कार्यक्रमों पर विस्तृत चर्चा की।
इस अवसर पर संयुक्त सचिव (हिमकोस्ट) सतपाल धीमान ने स्कूलों, कालेजों में ईको क्लबों के माध्यम से कचरा प्रबंधन पर किए गए कार्यों का उल्लेख किया।