गुम्मा और द्रंग का नमक अब पूरे विश्व का जायका बढ़ाएगा। हिंदुस्तान साल्ट माइन ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। गुम्मा, द्रंग और मैगल में पैदा होने वाले हिमालयन पिंक साल्ट में 84 से ज्यादा मिनरल्स पाए गए हैं।
इस नमक में 25 से 60 करोड़ साल पुराने समुद्री पानी के अवशेष हैं। नमक पहाड़ के अंदर होने के कारण इसमें कोई केमिकल नहीं है।
नमक की खदान को फिर से चालू करने के लिए न्यू प्लांनिंग इंडियन स्कूल ऑफ माइनस धनबाद द्वारा की गई है और इसे मंजूरी के लिए इंडियन ब्यूरो माइनस को भेजा गया है।
माना जा रहा है कि अगले 15 से 45 दिनों में इसको मंजूरी मिलने के बाद आगामी मार्च तक माइनिंग शुरू हो जाएगी।
विश्व में फ्रांस और इंग्लैंड में पाया जाने वाला नमक नंबर एक और दो की पोजीशन पर है, जबकि गुम्मा के पहाड़ से निकलने वाला सेंधा नमक गुणवत्ता के आधार पर पूरे विश्व में नंबर तीन पर होगा।
इस बार माइनिंग का जो खाका खिंचा गया है, उसमें पहाड़ से निकलने वाले नमक को मैगल में ही रिफाइनरी लगाकर रिफाइन करने की तैयारी है।
नमक खदान से जुड़े अधिकारी फिलहाल इस पूरी प्रक्रिया पर कुछ ज्यादा बता नहीं रहे हैं, लेकिन इतना जरूर कह रहे हैं कि इस बार कुछ ऐसा होगा, जिससे पूरे विश्व के खाने के जायके को गुम्मा नमक एक नई महक देगा।
गुम्मा नमक में कोई केमिकल ब्लीचिंग, आयोडाइजेशन और एंटी-केकिंग एजेंट नहीं डाले जाते हैं। इसमें आयरन ऑक्साइड की वजह से गुलाबी रंग होता है।
पोटैशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, कॉपर, जिंक आदि ट्रेस मिनरल्स प्राकृतिक रूप से मौजूद होते हैं। गुम्मा में नमक निकालने का इतिहास राजाओं के जमाने से है।
यहां का नमक पाकिस्तान तक सप्लाई किया जाता रहा है। गुम्मा नमक खदान सालों तक बंद रहने के बाद साल 2017 में द्रंग से नमक निकालने की प्रक्रिया शुरू हुई है।
इस बार नमक के सहारे हिंदुस्तान साल्ट माइन अगले पांच सालों की रूपरेखा के तहत नमक निकाल कर पूरे विश्व में सप्लाई करने की तैयारी कर रही है।
नमक का राजा होगा गुम्मा
गुम्मा नमक हिमालयन पिंक सॉल्ट आज विश्व के टॉप-5 गॉरमेट नमकों में शुमार है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों, शेफ्स और वेलनेस उद्योग में यह बहुत लोकप्रिय है। वैज्ञानिक रूप से इसमें 84 मिनरल्स पाए गए हैं, हालांकि इन मिनरल्स की मात्रा कम है। यह निश्चित रूप से सबसे शुद्ध और प्राकृतिक नमकों में से एक है।
पाक में भी निकलता है
भारत में गुम्मा नमक को आमतौर पर सेंधा नमक ही समझा जाता है। हिमालय की प्राचीन नमक की खानों खासकर पंजाब के खेवड़ा क्षेत्र, पाकिस्तान में स्थित साल्ट रेंज से यह निकाला जाता है।
कुछ लोग इसे हिमालयन पिंक सॉल्ट भी कहते हैं। यह नमक गुलाबी-नारंगी रंग का होता है। भारत में पारंपरिक रूप से इस नमक को गुम्मा या सेंधा नमक भी कहा जाता है।































