हिमाचल के कांगड़ा (Kangra) जिले में रिश्वत कांड (Bribe case) में फंसे ज्वाली के पूर्व डीएसपी ज्ञान चंद ठाकुर का आरोप लगाया है कि स्थानीय विधायक ने उन्हें फंसाया है और वे बेकसूर हैं. उनका कहना है कि विधायक ने उनके खिलाफ षड़यंत्र रचा और घटिया राजनीति के तहत फंसाया.
ठाकुर के अनुसार बीजेपी विधायक अर्जुन सिंह उन्हें पसंद नहीं करते और पहले भी विधायक उन्हें ज्वाली से हटाने के लिए प्रयास कर चुके हैं. इस मामले में वे तीन बार ट्रिब्यूनल गए और एक बार हाईकोर्ट (Himachal High court) तक गए हैं.
कोर्ट से बेल मिलने के बाद श्री ठाकुर खुल कर मीडिया के सामने आए है और उन्होने ज्वाली विधायक के खिलाफ खुल कर मोर्चा खोला है।
ठाकुर ने कहा कि यहां तक इस रिश्वत मामले का सवाल है तो शशि शर्मा से केस खत्म करने के लिए कोई पैसे नहीं मांगें. ये मामला दो पार्टियों के आपसी समझौते से हल हुआ था. इसमें उनका कोई लेना-देना नहीं है.
कोर्ट पर भरोसा है- ज्ञान चंद ठाकुर
पूर्व डीएसपी ने कहा कि उन्होंने अपने करियर में ऐसा कोई तक कोई ऐसा काम नहीं किया, जिससे वर्दी पर दाग लगे. अदालत पर उन्हें पूरा भरोसा है वे इस मामले से पाक साफ निकल जाएंगे.
ये है पूरा मामला
12 अगस्त का यह मामला है. जानकारी के मुताबिक, डीएसपी ज्वाली के पास नूरपुर के कार्यकारी डीएसपी का भी कार्यभार था. पुलिस थाना ज्वाली के तहत एक एससी-एसटी एक्ट का मामला दर्ज हुआ था. आरोप है कि मामले को दबाने के लिए डीएसपी ने 50 हजार रुपये की मांग की थी.
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इस संबंध में आरोपी ने विजिलेंस में शिकायत की थी और कहा था कि डीएसपी ज्ञान चंद ने उन पर झूठा केस बनाया है और 50 हजार रुपये मांग रहा है. पांच हजार रुपये एडवांस दिए जा चुके थे और उसे 45 हजार रुपये कैश के साथ शिकायतकर्ता को डीएसपी कार्यालय नूरपुर में बुलाया था.
श्री ठाकुर ने कहा कि उनका इस मामले में जान बूझ कर उन्हें फंसाया गया है। उन्होने कहा कि उन्होंने हिमाचल के हर कोने में काम किया है और अपना काम पूरी ईमानदारी से किया है। इस बार भी वे पाक-साफ इस मामले से निकलेंगे ऐसा उन्होने विश्वास जताया।