शिमला : हिमाचल सरकार ने बुधवार को शिक्षा क्षेत्र से संबंधित दो बड़े फैसले लिए हैं। एक तरफ जेबीटी नियुक्ति की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। दूसरी तरफ प्रिंसिपल से लेकर क्लर्क कैडर तक के 41 कर्मचारियों की सेकंडमेंट या डेपुटेशन रद्द कर दी गई है।
प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय से जेबीटी भर्ती को लेकर हमीरपुर, चंबा, किन्नौर और लाहौल स्पीति जिलों को छोड़कर बाकी सभी जिलों के लिए नए निर्देश जारी हुए हैं।
इसमें पहली बार राज्य सरकार ने यह व्यवस्था लागू की है कि जेबीटी की बैचवाइज भर्ती में एक जगह ज्वाइन करने के बाद जिला नहीं बदला जा सकेगा।
इस भर्ती में हो यह रहा था कि टीचर एक साथ कई जिलों में काउंसलिंग में शामिल हो रहे थे। फिर नियुक्ति मिलने के बाद भी नजदीकी जिला पाने के लालच में पिछली नियुक्ति ड्रॉप कर नए जिला में ज्वाइन कर रहे थे।
अब राज्य सरकार की ओर से प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को यह अप्रूवल भेजी गई है कि यदि किसी कैंडिडेट ने एक जगह ज्वाइन कर लिया, तो फिर जिला नहीं बदला जा सकेगा।
यानी एक ही जिला में जॉइनिंग मिलेगी। इन्हीं नए नियमों के अनुसार बाकी 6 जिलों में बैचवाइज भर्ती की मेरिट का पैनल बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इसी के अनुसार अब नियुक्तियां होंगी।
शिक्षा सचिव की ओर से शिक्षा निदेशालय को भेजे गए एक और आदेश के तहत स्कूल प्रिंसिपल कैडर से लेकर सुपरिटेंडेंट, लेक्चरर, पीजीटी, टीजीटी, जेबीटी और क्लर्क इत्यादि के 41 कर्मचारियों के डेपुटेशन यह सैकेंडमेंट रद्द कर दी गई है।
इनमें से अधिकांश शिक्षक सहायक निदेशक, डिप्टी डायरेक्टर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर एडजस्ट हुए थे। कई शिक्षक स्कूलों के बजाय जिला के कार्यालयों में काम कर रहे थे।
अब इन्हें वापस स्कूलों में भेजा गया है। इससे पहले भी राज्य सरकार डेपुटेशन रद्द करने के आदेश कर चुकी है।