पठानकोट-मंडी फोरलेन मार्ग प्रोजैक्ट में परिवर्तन किया गया है। अब परौर व मंडी के मध्य यह मार्ग टू-लेन बनेगा। इस स्थान पर ब्लैक टॉप 11 मीटर का होगा। पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय उच्चमार्ग को फोरलेन बनाने की कवायद आरंभ की गई है। ऐसे में अब वास्तविक डीपीआर…
राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण ने पठानकोट-परौर तक प्रथम दो चरणों को फोरलेन बनाने की योजना को यथावत रखा है। यद्यपि परौर से मंडी तक सड़क मार्ग अब टू-लेन होगा। बताया जा रहा है कि परौर से मंडी तक मार्ग में पर्यावरण के दृष्टिगत पहाड़ियों को काटे जाने की कवायद को टालने के लिए यह निर्णय लिया गया है। मानसून के दौरान इस पैच में बड़ी संख्या में भूस्खलन होता रहता है। ऐसे में इस क्षेत्र में पहाड़ियों को न काटना पड़े, इसलिए यह निर्णय लिया गया है।
नई अलाइनमैंट के आधार पर किया जाएगा कार्य
यद्यपि इस 110 किलोमीटर लंबे पैच में टू-लेन का कार्य नई अलाइनमैंट के आधार पर किया जाएगा तथा राष्ट्रीय उच्चमार्ग द्वारा वर्तमान में जिस स्थान से पठानकोट-मंडी सड़क मार्ग गुजर रहा है, उसका उपयोग नहीं किया जाएगा। वर्तमान में यह राष्ट्रीय उच्चमार्ग के इस पैच के अंतर्गत पालमपुर, पपरोला, बैजनाथ, चौंतड़ा, जोगिंद्रनगर जैसे कई बाजारों तथा जनसंख्या वाले क्षेत्रों से गुजर रहा है। ऐसे में भवनों तथा व्यावसायिक परिसरों को कम से कम हटाने तथा पहाड़ियों को कम काटने के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है।
टू-लेन टैंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में
पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय उच्चमार्ग में दूसरे तथा तीसरे चरण के लिए टैंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है तथा 31 मार्च तक टैंडर अवार्ड किए जाने की संभावना है। पठानकोट-मंडी सड़क मार्ग के बनने से 219 किलोमीटर लंबी सड़क की दूरी कम होकर 171 किलोमीटर रह जाएगी। सामरिक दृष्टि से भी यह मार्ग अत्यंत महत्वपूर्ण है तथा यह पठानकोट को मनाली के रास्ते लेह से जोड़ता है।
11 मीटर ब्लैक टॉप का होगा
टू-लेन पर 11 मीटर ब्लैक टॉप का होगा। इसमें दोनों ओर अढ़ाई-अढ़ाई मीटर के शोल्डर होंगे जबकि वर्तमान एनएच 7 मीटर डबललेन का है जबकि पठानकोट से प्रवर्तक बनने वाले फोरलेन में साढ़े 7- साढ़े 7 मीटर के दो ब्लैक टॉप होंगे तथा 1 से 6 मीटर तक का मीडियन होगा। इसमें पहाड़ की तरफ डेढ़ मीटर तथा वैली की ओर अढ़ाई मीटर का शोल्डर होगा। दोनों ओर ड्रेन डक्ट बनेंगे ताकि किसी प्रकार की केबल को उक्त ड्रेन डक्ट से होकर ले जाया जा सके तथा राष्ट्रीय उच्चमार्ग पर बार-बार होने वाली खुदाई को रोका जा सके।
यह भी पढ़ें: