शानन परियोजना पर केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार से माँगा जवाब

केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने हिमाचल के जोगिंद्रनगर स्थित पंजाब सरकार के शानन बिजली प्रोजेक्ट पर पड़ोसी राज्य से जवाब मांगा है। हिमाचल सरकार ने इस प्रोजेक्ट को मार्च 2024 में लीज की अवधि पूरा होने के बाद वापस लौटने की मांग रखी है।

इसी मांग पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने केंद्रीय विधि मंत्रालय से राय ले ली है और अब पंजाब सरकार से जवाब लिया जा रहा है। इसके बाद केंद्र सरकार पंजाब रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट 1966 के तहत अपना फैसला देगी।

जोगिंद्रनगर में अंग्रेजों के समय 110 मेगावाट का शानन बिजली प्रोजेक्ट शुरू हुआ था। इसे फिर पंजाब ऑर्गेनाइजेशन एक्ट के तहत पंजाब सरकार को दे दिया गया, क्योंकि तब हिमाचल में विद्युत बोर्ड या कॉरपोरेशन नाम की कोई संस्था नहीं थी।

इसके लिए मंडी के राजा की पंजाब सरकार के साथ 99 साल की लीज हुई थी, जिसकी अवधि दो मार्च , 2024 को पूरी हो रही है।

लीज रूल्स के मुताबिक इस अवधि के पूरा होने के बाद यह प्रोजेक्ट अब हिमाचल को वापस लौटना होगा, जबकि पंजाब सरकार तर्क दे रही है कि पंजाब रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट के तहत हुए इस आबंटन पर लीज रूल्स लागू नहीं होंगे।

एक तरफ हिमाचल सरकार शानन बिजली प्रोजेक्ट को वापस लेने के लिए हाथ पांव मार रही है, वहीं दूसरी तरफ हिमाचल सरकार के ही कुछ विभागों और रेवेन्यू अफसरों की लापरवाही से इस प्रोजेक्ट की जमीन के रेवेन्यू रिकार्ड में पंजाब को मलिक दर्ज कर दिया है।

यह गलती जोगिंद्रनगर और बरोट दोनों तरफ हुई है और कुल सात बीघा जमीन का मालिक पंजाब को दर्शाया है। ऊर्जा विभाग ने यह गलती पकड़ी और उसके बाद सिविल कोर्ट से इस एंट्री को क्लियर करने के लिए डीसी मंडी की ड्यूटी लगाई।

इस मामले में राज्य सरकार उन विभागों और रेवेन्यू अफसरों की जिम्मेदारी भी तय कर सकती है, जिनके समय यह भारी चूक हुई और जिन्होंने इस फैसले के खिलाफ अपील नहीं की। लीज की जमीन को किसी भी सूरत में मालिकाना हक में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।

सीएम ने दिल्ली में उठाया था मुद्दा

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के साथ में 2023 में मिले थे और उनके साथ पहली बार शानन बिजली प्रोजेक्ट के मामले में हस्तक्षेप करने को कहा था।

इसके बाद आरके सिंह जून 2023 में हिमाचल के किन्नौर दौरे पर आए और मुख्यमंत्री के साथ बैठक हुई। इस दौरे के दौरान भी केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को इस बिजली प्रोजेक्ट को लेकर सारी ब्रीफिंग दी गई।

इसके बाद मुख्यमंत्री के ऊर्जा क्षेत्र के प्रधान सलाहकार रामसुभग सिंह भी आरके सिंह से मुलाकात करने के लिए दिल्ली गए थे।

हिमाचल सरकार की ओर से गए इस पत्र पर केंद्रीय विधि मंत्रालय से भी ऊर्जा मंत्रालय ने राय ले रखी है। इसीलिए अब पंजाब से भी इसमें जवाब मांगा है।

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