विजिलेंस धर्मशाला की टीम ने दस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए परागपुर के खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) को दस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
ग्राम पंचायत कड़ोआ की प्रधान की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है। बताया जा रहा है कि बीडीओ परागपुर वीरेंद्र कुमार कौशल पंचायत के कार्य के लिए उपायुक्त द्वारा जारी की गई डेढ़ लाख की धनराशि को रिलीज करने की एवज में प्रधान से 10000 की रिश्वत मांग कर रहे थे।
कड़ोआ पंचायत की प्रधान रीना देवी ने इस बाबत नॉर्थ रेंज धर्मशाला विजिलेंस कार्यालय में शिकायत दी थी। इसके चलते सोमवार को विजिलेंस की टीम ने जाल बिछाते हुए बीडीओ वीरेंद्र कौशल को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है।
मामले की पुष्टि करते हुए एसपी विजिलेंस नॉर्थ रेंज धर्मशाला बलवीर ठाकुर ने बताया कि महिला प्रधान ने इस बाबत विजिलेंस को शिकायत दी थी, जिसके आधार पर विजिलेंस की टीम ने जाल बिछाते हुए उन्हें रंगे हाथों पकड़ा है।
उन्होंने बताया कि बीडीओ के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई की जा रही है। सूत्रों के अनुसार रिश्वत लेने के आरोपी बीडीओ की प्रॉपटी की जांच भी विजिलेंस की टीम कर सकती है।
दो माह बाद होना था रिटायर
रिश्वत लेते हुए पकड़े गए बीडीओ की दो माह बाद अप्रैल में सेवानिवृत्ति थी। अपने सालों की नौकरी के आखिर समय में उक्त अधिकारी ने रिश्वतखोरी का दाग अपने दामन पर लगा लिया।
चंद पैसों के लिए उक्त अधिकारी द्वारा अपने ईमान को बेचने की यह खबर लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई है।
पहले भी विवादों में रहे हैं बीडीओ परागपुर
गरली। रिश्वत लेने के आरोपी वीरेंद्र कौशल फरवरी 2023 से फरवरी 2024 तक भी परागपुर में बीडीओ रहे थे। उस दौरान जसवां-परागपुर के विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर ने उन पर कांग्रेस के एजेंट की तरह काम करने के आरोप लगाए थे।
हालांकि, कुछ समय बाद उन्हें वहां से हटा दिया गया था। जनवरी 2025 में उन्होंने दोबारा परागपुर में बीडीओ का कार्यभार संभाला था, लेकिन अब भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तारी के बाद फिर से विवादों में आ गए हैं।