टीजीटी,जेबीटी और ड्राइंग मास्टर भर्ती नियम बदले

हिमाचल में शिक्षा विभाग ने सोमवार को टीजीटी,जेबीटी और ड्राइंग मास्टर के भर्ती नियमों में बदलाव कर दिया है। यह बदलाव स्कूल प्रबंधन समितियों के माध्यम से रखे गए शिक्षकों को लिमिटेड डायरेक्ट रिक्रूटमेंट कोटा देने के लिए किया गया है।

राज्य के स्कूलों में वर्तमान में करीब 2408 SMC टीचर काम कर रहे हैं, जिन्हें एक पात्रता के आधार पर रेगुलर होने का मौका एलडीआर कोटा से मिलेगा। नए नियमों के अनुसार टीजीटी में अब भर्ती कोटा में बदलाव हुआ है।

37.5 फ़ीसदी कोटा सीधी भर्ती का राज्य चयन आयोग के माध्यम से होगा, जबकि 32.5 फ़ीसदी कोटा बैचवाइज के लिए निर्धारित हुआ है।

0.5 फ़ीसदी कोटा एसएमसी टीचर्स को दिया जाएगा, जबकि प्रोमोशन के लिए 25 फ़ीसदी कोटा को बिना परिवर्तन किए रखा गया है।

टीजीटी,जेबीटी और ड्राइंग मास्टर तीनों ही कैटेगरी में बैचवाइज कोटा से ही 5 फ़ीसदी की कटौती हुई है। एक और बदलाव यह हुआ है कि टीजीटी के इन नियमों में अब मास्टर डिग्री यानी पोस्ट ग्रेजुएशन के अंक भी पात्रता दिला सकते हैं।

इसकी वजह यह है कि स्कूल लेक्चरर कैटेगरी में बैचवाइज भर्ती नहीं होती और सीधी भर्ती एवं प्रोमोशन के जरिए ही कैडर तैयार होता है। नियमों में बदलाव के बाद अब होने वाली सभी नई भर्तियों में एसएमसी को यह कोटा मिलता रहेगा।

एसएमसी टीचर्स को इस तरह मिलेगी राहत

नए नियमों में यह प्रावधान किया गया है कि स्कूल प्रबंधन समितियों के माध्यम से सिर्फ उन शिक्षकों को एलडीआर कोटा मिलेगा, जिन्हें 7 जुलाई 2012 को घोषित पॉलिसी के तहत भर्ती किया गया है।

साथ ही जिनकी कम से कम 5 वर्ष की सेवा हो गई है। ऐसे सभी शिक्षक नई भर्ती नियमों में दी गई पात्रता के अनुसार आवेदन कर सकेंगे और उसके बाद परीक्षा या स्क्रीनिंग पास कर सरकारी सेवा में आ जाएंगे।

नियमों में यह भी कहा गया है कि सीधी भर्ती किए जाने वाले अभ्यर्थियों के लिए निर्धारित ऊपरी आयु सीमा सरकार में पहले से सेवारत एसएमसी अध्यापकों पर लागू नहीं होगी। यानी यदि ये 45 वर्ष से ज्यादा आयु के भी हैं, तो भी एलडीआर कोटा के लिए पात्र होंगे।

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