जिला कुल्लू में देव स्थलों को अपवित्र किए जाने के चलते बिजली महादेव मंदिर कमेटी ने बड़ा निर्णय लिया है। सावन के महीने में मंदिर को बंद रखा गया है और श्रद्धालु मंदिर के बाहर से ही दर्शन कर रहे हैं।

लोग शिवलिंग के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं। बिजली महादेव में रोपवे के लिए वन कटान से भी लोग खफा हैं और बिजली महादेव क्षेत्र में कई जगह जमीन में दरारें आ गई हैं।
पिछले दिनों पेड़ कटान को लेकर लोगों ने ढालपुर में प्रदर्शन किया था। अब 25 जुलाई को फिर से लोग ढालपुर में पेड़ कटान और रोपवे के विरोध में धरना-प्रदर्शन करेंगे।
इसी बीच अब मंदिर को सावन माह में बंद किए जाने के निर्णय ने बिजली महादेव की नाराजगी को जाहिर किया है। देवलुओं के अनुसार बिजली महादेव ने आदेश दिए हैं कि मंदिर को बंद रखा जाए।
इन दिनों पूजा-अर्चना करने के लिए पुजारी और खास कारकून ही सुबह-शाम मंदिर में जा रहे हैं। पिछले दिनों बिजली महादेव ने आकाशीय बिजली को भी अपने ऊपर लेकर मानव जाति सहित समस्त जगत पर आए संकट को अपने ऊपर धारण कर लिया था।
अब महादेव मंदिर को बंद रखने के देवों के देव ने आदेश दिए हैं। देवता की नाराजगी और लोगों के विरोध के बावजूद रोपवे को बनाने के लिए काम चल रहा है। देवलू कह रहे हैं कि तभी देवता ने मंदिर को बंद रखने को कहा और देवता शांत वातावरण में बैठना चाहते हैं।
लोग दे रहे कई तरह के तर्क
मंदिर को बंद रखे जाने के पीछे कई लोग तर्क दे रहे हैं कि कई सैलानी मंदिर परिसर में पहुंच कर नियम तोड़ देते हैं। मंदिर में प्रवेश करने के कुछ नियम हैं और सूतक-पातक में मंदिर में नहीं जा सकते।
कई पर्यटक इन बातों को छिपाकर भी मंदिर पहुंचते हैं और जिससे पवित्रता नहीं रह रही है। मंदिर परिसर में भंडारे आदि की प्रक्रिया को भी देव आदेश पर रोक दिया गया है।
कुछ लोग बिजली महादेव मंदिर से दूर रास्ते में ही भंडारे आदि लगाकर श्रद्धालुओं को प्रसाद बांट रहे हैं। विनेंद्र जम्वाल, कारदार, बिजली महादेव ने कहा कि देवता ने आदेश दिए हैं कि मंदिर को बंद रखा जाए।
देवता ने शांत वातावरण में विराजमान होने की इच्छा जताई है और किसी तरह का शोर आदि नहीं चाहिए। तभी मंदिर बंद है और लोग बाहर से ही दर्शन कर रहे हैं।