शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने जिला मंडी में हाल ही में आई आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के संबंध में आज यहां आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
उन्होंने अधिकारियों को आपदा के कारण बुरी तरह से प्रभावित विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के मरम्मत एवं पुनर्निर्माण के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि इन संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों की पढ़ाई में कोई बाधा न आए।
उन्होंने कहा कि वह शीघ्र मंडी के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि जिला मंडी में आपदा के कारण 219 विद्यालयों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 208 विद्यालय आंशिक रूप से तथा 11 विद्यालय पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
ये सभी शैक्षणिक संस्थान नजदीकी खाली सरकारी ईमारतों, महिला मण्डलों एवं सामुदायिक भवनों में क्रियाशील हैं।
रोहित ठाकुर ने अधिकारियों को मरम्मत एवं बहाली के कार्य युद्ध स्तर पर करने के निर्देश दिए ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई में कोई व्यवधान न आए।
उन्होंने निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त विद्यालयों को ऐसे रिक्त पड़े भवनों में क्रियाशील किया जाए जिनकी पहुंच विद्यार्थियों के लिए सुलभ हो तथा उन्हें लम्बी दूरी तय न करनी पड़े।
उन्होंने कहा कि सम्बंधित विभागों को मरम्मत कार्यों की निरंतर प्रगति सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि गुणवत्ता सुनिश्चित हो और निश्चित समयावधि में कार्य सम्पन्न हो।
शिक्षा मंत्री ने आपदा पूर्व आवश्यकता आकलन के तहत प्राप्त राशि शीघ्र जारी कर विभाग को इस राशि का उचित उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि ऐसे विद्यालयों की मरम्मत को प्राथमिकता दी जाए जिन्हें 75 प्रतिशत से अधिक नुकसान पहुंचा है। रोहित ठाकुर ने कहा कि कई ऐसे क्षतिग्रस्त विद्यालय एवं महाविद्यालय हैं जिनके निर्माण स्थल का चयन गलत था या फिर नदियों एवं खड्डों के समीप बनाए गए थे।
निर्माण स्थल के चयन व शैक्षणिक संस्थानों को छात्रों एवं भवनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नदियों एवं नालों से दूर निर्मित करने की जिम्मेदारी उप-निदेशकों की होगी।
उन्होंने इस मुश्किल समय में राहत एवं पुनर्वास कार्यों में सेवाएं दे रहे लोगों के अथक प्रयासों की सराहना की।
शिक्षा मंत्री ने राजीव गांधी आदर्श डे-बोर्डिंग विद्यालयों, अटल आदर्श विद्यालयों और शिक्षकों की लम्बित भर्ती सहित शिक्षा विभाग की विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।
उन्होंने अधिकारियों को भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा ऐसे 320 अध्यापकों एवं प्रवक्ताओं को नोटिस जारी किए गए हैं बेहतर परीक्षा परिणाम सुनिश्चित करने में असफल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कर्मठ शिक्षकों, विशेषकर ऐसे शिक्षक जो दुर्गम क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, के समर्पण की सराहना की।
उन्होंने महाविद्यालयों की नैक रैंकिंग को शीघ्र पूरा करने तथा आधुनिक सुविधाओं से सम्पन्न पुस्तकालयों को स्थापित करने के भी निर्देश दिए।
बैठक के दौरान प्रथम एजुकेशन फाउडेशन की सीईओ डॉ. रुकमिनी बैनर्जी ने बहुमूल्य विचार साझा करते हुए शिक्षा विभाग के प्रयासों की सराहना की जिनके चलते हिमाचल प्रदेश ने असर और परख सर्वेक्षणों में पांचवां स्थान हासिल किया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की नीतियों एवं शिक्षा क्षेत्र में किए गए नवीन बदलावों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। शिक्षा मंत्री ने डॉ. रुकमिनी बैनर्जी का शिक्षा क्षेत्र में उनके मार्गदर्शन व सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया और आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी शिक्षा क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए उनका सहयोग प्राप्त होगा।