शिमला : प्रदेश सरकार ने अब पैट शिक्षकों के बाद अब पीटीए कांट्रेक्ट शिक्षकों की वेतनवृद्धि पर रोक लगा दी है. इस बार इन शिक्षकों के वेतन में 3 प्रतिशत वृद्धि नहीं की गई है ऐसे में सरकार के इस फैसले से पैट और पीटीए शिक्षक खासे नाराज हैं.शिक्षकों का कहना है कि जब बीते वर्ष वेतनवृद्धि दी गई थी तो इस वर्ष उन्हें इससे क्यों वंचित रखा जा रहा है.
पैट और पीटीए का वेतन किया फिक्स
प्रदेश सरकार ने इस दौरान इन दोनों वर्गों का वेतन फिक्स किया है. अनुबंध पर कार्यरत पीटीए शिक्षकों का कहना है कि पिछले वर्ष सरकार ने उन्हें 144 प्रतिशत डीए दिया था और अब इसे फिक्स कर दिया जबकि उस समय सरकार ने शिक्षकों को रनिंग डीए देने की बात कही थी. इस वर्ष सरकार ने शिक्षकों की 4 वर्षों की 3 प्रतिशत की वेतनवृद्धि जो पीजीटी की 1740 रुपए थी उसे भी समाप्त कर शिक्षकों को फिर से प्रारंभिक वेतन के साथ फिक्स कर दिया है जोकि तर्कसंगत नहीं है.
2017 में जारी हुई थी अधिसूचना
पैट शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने वर्ष 2017 में वेतन सम्बन्धी अधिसूचना ज़ारी की थी लेकिन शिक्षकों को यह वेतनवृद्धि 2018 में प्रदान की गई.इस अधिसूचना के तहत नियमित होने तक 3 प्रतिशत वेतनवृद्धि देने का प्रावधान किया गया था लेकिन सरकार ने अब यह वेतनवृद्धि रोक दी है. बता दें कि सरकार ने पैट शिक्षकों के वेतन को 27000 रुपए प्रति माह फिक्स किया है.
जल्द बहाल हो वेतनवृद्धि
हिमाचल प्रदेश अनुबंध शिक्षक संघ (पीटीए) के पदाधिकारियों ने सरकार से मांग की है कि सरकार जल्द ही शिक्षकों की रुकी वेतनवृद्धि को बहाल करे नहीं तो मजबूरन न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा.