शिमला : सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए इस वर्ष नवम्बर तक 6000 अध्यापकों की भर्ती भी की जाएगी। इसके अलावा राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव लाने की दिशा में काम कर रही है।
भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस), डाटा साइंस व रोबोटिक इंजीनियरिंग जैसे नए पाठ्यक्रम शुरू किए हैं ताकि बच्चों को रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें।
यह बात मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह ने शुक्रवार को शिमला में एक कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में चरणबद्ध ढंग से राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं ताकि ग्रामीण स्तर पर बच्चे भविष्य की चुनौतियों का सामना आत्मविश्वास से कर सकें।
उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी सरकारी स्कूल में पढ़े हैं और आत्मविश्वास व मजबूत इच्छाशक्ति से ही जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है।
आपदा प्रभावित बच्चों के लिए शनिवार व रविवार को लगाई जाएंगी कक्षाएं
सीएम ने कहा कि आपदा के कारण राहत शिविरों में रहने वाले परिवारों को राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में 5000 रुपए और शहरी क्षेत्रों में 10000 रुपए प्रति माह किराया देने का निर्णय लिया है ताकि पीड़ित परिवारों की मुश्किलों को कुछ कम किया जा सके।
उन्होंने कहा कि आपदा से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है और पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए शनिवार और रविवार को कक्षाएं लगाने पर विचार किया जा रहा है।
राहत शिविरों में रह रहे 3000 परिवारों को जल्द बसाएगी सरकार
सीएम ने कहा कि आपदा के कारण आज लगभग 3000 परिवार राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं और प्रदेश सरकार इन परिवारों को बसाने की जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करेगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश पर लगभग 75000 करोड़ रुपए का कर्ज होने के बावजूद राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों से हर प्रभावित की मदद कर रही है।