जोगिन्दरनगर : वन अधिकार अधिनियम-2006 के तहत उपमंडल जोगिन्दरनगर में वीरवार को कुल 22 मामले प्रस्तुत किए गए। इस संबंध में जानकारी देते हुए एसडीएम जोगिन्दरनगर मनीश चौधरी ने बताया कि इनमें 11 सामुदायिक और 11 व्यक्तिगत मामले शामिल हैं।

यह स्थानीय ग्राम पंचायतों के लिए बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इससे ग्रामीणों को अपने पारंपरिक अधिकारों की कानूनी मान्यता प्राप्त होगी।
उन्होंने विस्तार से बताया कि ग्राम पंचायत मतेहड़ से नौ सामुदायिक और तीन व्यक्तिगत मामले, ग्राम पंचायत उपरिधार से एक सामुदायिक और सात व्यक्तिगत मामले तथा ग्राम पंचायत सगनेहड़ से एक सामुदायिक और एक व्यक्तिगत मामला अधिनियम के अंतर्गत प्रस्तुत किया गया है।
एसडीएम ने कहा कि जल्द ही इन मामलों की जांच एसडीएलसी द्वारा की जाएगी और उपयुक्त पाए जाने पर इन्हें डीएलसी को भेजा जाएगा।
उन्होंने बताया कि वन अधिकार अधिनियम का उद्देश्य उन ग्रामीण समुदायों को अधिकार प्रदान करना है जो वर्षों से जंगलों और प्राकृतिक संसाधनों पर अपनी आजीविका के लिए निर्भर हैं।
इस अधिनियम से न केवल ग्रामीणों के अधिकार सुनिश्चित होंगे, बल्कि उनके सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भी यह एक अहम कदम होगा।
उन्होंने आगे कहा कि इन मामलों के स्वीकृत होने पर स्थानीय लोगों को वन संपदा के सतत उपयोग और संरक्षण के साथ-साथ विभिन्न विकास योजनाओं का भी लाभ मिलेगा।
प्रशासन का प्रयास है कि अधिनियम की सभी धाराओं को पारदर्शिता और न्यायपूर्ण ढंग से लागू किया जाए ताकि अधिक से अधिक पात्र लाभार्थी इसका फायदा उठा सकें।