कुल्लू दशहरा में शामिल होने वाली देवी-देवताओं की संस्कृति पर होंगे शोध

कुल्लू/दशहरा l देवी-देवताओं का महाकुंभ देश-विदेश के शोधकर्ताओं के लिए भी खास रहता है। ऐसे में अगले कुछ दिन में शोधार्थियों का कुल्लू-मनाली की वादियों में पहुंचना शुरू होगा।

कुल्लू के देवी-देवताओं के संबंध में जानकारियां हासिल कर देश-विदेश के शोधकर्ता देवताओं के इतिहास को जानेंगे। सात दिनों तक भगवान रघुनाथ से लेकर तमाम देवी-देवताओं पर उनके इतिहास पर शोध करेंगे।

शोधकर्ता दशहरा उत्सव के दौरान वीडियोग्राफी का कार्य भी करेंगे। साथ ही लोगों से बातचीत करके देव संस्कृति के इतिहास के बारे में जानकारियां एकत्रित करेंगे। कोरोना महामारी के कारण पिछले दो साल तक शोधकर्ता कुल्लू नहीं पहुंचा पाए थे।

ऐसे में इस बार इनकी संख्या अधिक हो सकती है। देवी-देवता के महासंगम कुल्लू के दशहरा में शोधकर्ता कुल्लू में पहुंच कर सभी देवताओं के राज को जानने के लिए सप्ताह भर डेरा डालते हैं। वहीं दशहरा के नजदीक आते ही पर्यटकों की आमद बढ़ने लगी है।

यह भी पढ़ें:-

एम्स बिलासपुर में हिमकेयर कार्ड से मिलेगा निशुल्क उपचार

जोगिन्दरनगर की लेटेस्ट न्यूज़ के लिए हमारे फेसबुक पेज को
करें।