जोगिंद्रनगर के जंगलों से गायब होने लगी तेजपत्ते की खुशबू

जोगिंद्रनगर — औषधीय गुणों से भरपूर सीनामोमम तमाला के वजूद पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। आयुर्वेदिक महत्त्व की इस बूटी के अवैज्ञानिक दोहन से जोगिंद्रनगर के जंगलों में इसके पौधे लुत्प होने लगे हैं। बाहरी राज्यों में इसकी जबरदस्त मांग के चलते इसके पौधों का बेरहमी से दोहन किया जा रहा है। उधर आयुर्वेद के विशेषज्ञों नें जोगिंदरनगर के जंगलों में पाए जाने वाले सीनामोमम तमाला को देश में सर्वोत्तम गुणों से परिपूर्ण बताया है। इसकी खुशबू और मिठास बेमिसाल होने से इस बहुपयोगी आयुर्वेदिक बूटी को देश भर में अव्वल आंका गया है। इसकी पत्तियों से विसर्जित होने वाले उड़नशील तेल कों पर्यावरण के लिए उन्होंने फायदेमंद बताया। सर्दियों में इसके पत्ते जब पक कर तैयार हुए हैं तो जंगलों में इसके पौधों की बेरहमी से हजामत की जा रही है।

अवैज्ञानिक तरीके से चल रहे इसके अवैध दोहन से यह बहुमूल्य वन संपदा अब लुप्त होने लगी हैं। औषधीय गुणों से युक्त सीनामोमम तमाला को तेजपत्ता भी कहा जाता है। दूसरी तरफ वन विभाग द्धारा केवल इसके पत्ते निकालने की अनुमति दी जाती है, लेकिन बेरहम तरीके से इस आयुर्वेदिक पौधे को काटने की कतई इजाजत नहीं दी जाती। बावजूद इसके सीनामोमम तमाला के पौधों को उजाड़ने के गोरखधंधे ने जोर पकड लिया है। यह पौधे छोटे आकार के होते हैं, जिनका कई वर्शों से दराट से मुंडन हो रहा है। जिससे जंगलों में ये उपयोगी पौधे सूख रहे हैं। जोगिंद्रनगर उपमंडल में बान के जंगलों में इसके पौधे प्राकृतिक तौर पर विकसित होते है, लेकिन पिछले कुछ सालों से इसके पत्तों सहित टहनियों की तस्करी बडे़ पैमाने पर शुरू हुई है। स्थानीय लोंगों की मदद से बाहरी राज्यों के व्यापारी इस वनसंपदा की तस्करी को धड़ल्ले से अंजाम दे रहे हैं। इसकी बेमिसाल महक और मिठास के बाहरी राज्य भी कायल है।

इसके चलते बाहरी राज्यों में इसकी मांग साल दर साल बढ़ती जा रही है। उनकी मांग को पूरा करने के लिए तस्कर एक बार फिर जोगिंद्रनगर के जंगलों में सक्रिय हुए हैं। वे चोरी छिपे इस धंधे को अंजाम दे रहे हैं। जानकारी मिली है कि तस्कर स्थानीय लोगों से इस कीमती वनसंपदा को कौडि़यों के भाव खरीद रहे हैं और बाहरी राज्यों में ले जा कर मोटी चांदी कूट रहे हैं। इस बाबत आरओ जोगिंद्रनगर कमल जसवाल नें सीनामोमम तमाला की तस्करी किए जाने के मामले पर कहा कि जंगलों में इस पौधे की पत्तियों को निकालने की अनुमति दी जाती हैं, परंतु पौधों की टहनियों को काटने की इजाजत नहीं है। ऐसे मामले सामने आए हैं तथा दोषी पाए जाने पर जुर्माना किया गया है। हर्बल गार्ड़न जोगिंद्रनगर के प्रभारी एंव आयुर्वेद विशेषज्ञ डाक्टर सुभाष राणा की मानें तो जोगिंद्रनगर के जंगलों में प्राकृतिक तौर पर पनपनें और विकसित होने वाला सीनामोंमम तमाला देश भर में बेमिसाल है।

दिव्य हिमाचल के सौजन्य से

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