हिंदुस्तान जल्द ही दुनिया में सबसे ऊंचाई पर ट्रैफिक टनल का निर्माण करने जा रहा है। अभी तक यह रिकॉर्ड चीन के नाम है, लेकिन जुलाई महीने में समुद्रतल से 15855 फुट की ऊंचाई पर बृहद हिमालय पर्वत श्रृंखला के नीचे शिंकुला टनल का निर्माण शुरू होते ही यह रिकॉर्ड हिंदुस्तान के नाम हो जाएगा।
सीमा सडक़ संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक वीएसएम लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने बताया कि हिमाचल में अटल टनल रोहतांग के बाद अब दुनिया की सबसे ऊंची शिंकुला टनल बनाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि टनल का निर्माण जुलाई महीने में शुरू होगा और टनल के निर्माण में 1861 करोड़ रुपए खर्च होंगे। शिंकुला टनल दुनिया में सबसे अधिक ऊंचाई पर बनने वाली टनल है।
उन्होंने कहा कि शिंकुला टनल हिमाचल के लाहुल और लद्दाख के जांस्कर वैली को आपस में जोड़ेेगा।
शिंकुला टनल बन जाने से लद्दाख और कारगिल सीमा तक पहुंचने के लिए भारतीय सेना को आसानी होगी। सीमा सडक़ संगठन जुलाई महीने में शिंकुला टनल का निर्माण करने जा रहा है।
टनल के बन जाने से मनाली कारगिल की दूरी लगभग 250 किमी कम हो जाएगा। अभी कारगिल पहुंचने के लिए भारतीय सेना को वाया लेह का लंबा सफर तय करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल लद्दाख की सीमा पर बृहद हिमालय पर्वत श्रृंखला के नीचे बनने वाली 4.125 किमी लंबी शिंकुला टनल के निर्माण पर केंद्र सरकार 1681 करोड़ रुपए खर्च करेगा।
11 महीने तक खुली रहेगी जांस्कर वैली : उन्होंने कहा कि लद्दाख की जांस्कर वैली साल के छह महीने तक दुनिया से कटी रहती है।
टनल के बन जाने से जांस्कर के 36 गांव साल के 11 महीने तक हिमाचल और देश के अन्य हिस्सों से जुड़े रहेंगे। उन्होंने कहा कि टनल बन जाने से भारतीय सेना को इसका बड़ा सामरिक फायदा मिलेगा।
सीमा पर देश की सेना की ताकत में दोगुना इजाफा होगा। पर्यटन कारोबार को मिलेगा फायदा : शिंकुला टनल बन जाने से लाहुल और लद्दाख की जांस्कर वैली में पर्यटन के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा।
पर्यटक लाहुल के रास्ते लेह की बजाय जांस्कर वैली में पहुंचेंगे।