प्रदेश भर में बारिश का कहर लगातार जारी है। अभी भी 729 सड़कें बाधित हैं। इन सड़कों पर आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है। विभाग के लिए सेब बहुल इलाकों में अभी भी सड़क बहाल करना मुश्किल से भरा है।
मंडी जोन में सबसे ज्यादा 282 सडक़ें बाधित हैं। इनमें 155 सड़कें मंडी सर्कल, 69 कुल्लू और 58 सड़कें जोगेंद्रनगर में बाधित हैं। जबकि शिमला जोन में 229 सड़कें बंद हैं।
इनमें सोलन में 97, शिमला में 32, रामपुर में 44, नाहन में 27 और रोहड़ू में 29 सड़कें बंद हैं। हमीरपुर में 125 सडक़ों पर आवाजाही नहीं हो पा रही है। इनमें धर्मपुर में 95, बिलासपुर में 18 और हमीरपुर में 12 सड़कें ठप हैं।
कांगड़ा में 89 सड़कें बाधित हैं। यहां यहां सबसे ज्यादा असर पालमपुर सर्कल में देखने को मिला है। यहां 63 जबकि नूरपुर में 23 और डलहौजी में 3 सड़कें बारिश की वजह से बाधित हुई हैं।
पीडब्ल्यूडी ने इन सड़कोंको बहाल करने में पूरी ताकत झोंक दी है। पीडब्ल्यूडी जल्द ही प्रदेश में पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके पुलों की मरम्मत को लेकर तैयारियां कर रहा है। इन पुलों के लिए वैली ब्रिज की भी खरीद की जा रही है।
पीडब्ल्यूडी को राज्य सरकार ने 18 करोड़ रुपए देने का फैसला किया है और इस धनराशि से 12 पुलों को खरीदा जा सकता है। पीडब्ल्यूडी ने पांच पुलों की खरीद पहले ही पूरी कर ली है।
इस खरीद के बाद पीडब्ल्यूडी के पास 17 वैली ब्रिज हो जाएंगे। जबकि प्रदेश में 19 पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं। वैली ब्रिज की डिलीवरी मिलने के बाद पुलों के निर्माण में तेजी आएगी।
पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता अजय गुप्ता का कहना है कि पीडब्ल्यूडी को भारी नुकसान बरसात की वजह से हुआ है। बीते 24 घंटे में करीब 100 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।
कई जगह सडक़ें पूरी तरह से ध्वस्त हो गई हैं। जबकि बहुत से हिस्से ऐसे हैं जहां सड़कों पर भारी मलबा गिरा है। इस मलबे को हटाने में पीडब्ल्यूडी ने पूरी ताकत झोंक रखी है। विभाग ने 900 से ज्यादा जेसीबी मशीनें लगाई हैं।
इनमें करीब 800 मशीनें निजी ठेकेदारों से किराये पर ली गई हैं। मौसम साफ रहा तो विभाग आगामी 48 घंटे में 350 से ज्यादा सड़कें बहाल कर लेगा।