बीते कुछ दिनों से हिमाचल प्रदेश में बिगड़े मौसम के मिजाज ने मंडी जिला में भी गेहूं की फसल की कटाई को प्रभावित कर दिया है। आलम यह है कि जिला में बारिश के कारण गेहूं की फसल गीली होने के कारण थ्रैसिंग नहीं हो पा रही है, तो कहीं कटी हुई फसल खेतों में ही भीग गई है।
जिसके चलते किसानों की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है। बता दें कि गत दो सप्ताह जिलाभार में गेहूं की फसल की कटाई का काम जोरों पर है।
लेकिन करीब चार से पांच दिन से लगातार मौसम खराब रहने के कारण फसल की कटाई का कार्य प्रभावित हो रहा है। मंडी जिला में करीब 70-80 फीसदी गेहूं की कटाई हो चुकी है।
जबकि 20 से 30 प्रतिशत गेहूं जिला में कटना शेष है। लेकिन बिगड़े मौसम के कारण किसानों को कटी फसलों को नुकसान पहुंचने की चिंता सता रही है।
तूफान व आसमानी गर्जना के कारण गेहूं की फसल प्रभावित व पशुओं का चारा खराब हो सकता है। किसान का कहना है कि गेहूं की फसल की कटाई का कार्य लगे हुए कुछ दिन ही हुए है।
उन्होंने बताया कि जो फसल काट दी गई है। उसे धूप में सूखाना पड़ रहा है। लेकिन गत दो दिनों से रात्रि के समय बारिश होने से दिनभर की गई मेहनत पर पानी फिर रहा है।
क्योंकि इस बार समय पर बारिश न होने के कारण गेहूं की बिजाई समय पर नहीं हो पाई थी। जिस कारण गेहूं की फसल समय पर तैयार नहीं हो पाई है। कुछ जगह आधी कच्ची-पक्की फसल है। इसके बावजूद उन्होंने कटाई का कार्य शुरू कर दिया है।
मई माह में लौटी ठंड
कुछ दिनों से हो रही बारिश व ओलावृष्टि के कारण मई माह में ठंड लौट आई है। सुबह-शाम मौसम जनवरी-फरवरी माह जैसा कूल-कूल हो गया है।
ठंडा मौसम होने के कारण सुबह-शाम लोग पंखों का सहारा नहीं लेना पड़ रहा है। हालांकि दिन के समय गर्मी की तपिश रहती है। वहीं मौसम की नमी के कारण फायर सीजन में वन संपदा को राहत मिली है।