मंडी जिला के कोटरोपी में हुए हादसे में 4 दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है. वहीँ कोटरोपी के निवासियों की मानें तो गाँव में हर बीस साल के बाद भूस्खलन की बड़ी घटना होती है.
पंजाब केसरी के अनुसार, स्थानीय ग्रामीणों मोहर सिंह, लौंगू राम, फुलीराम व पाहणी राम ने बताया कि अगस्त महीने में साल 1977 और 1997 में भी इसी स्थान पर पहाड़ी दरक चुकी है। मोहर सिंह का कहना है कि वर्ष 1997 में 13 अगस्त सुबह 8 बजे यहां पहाड़ी दरकी थी और एक पुल भी उसकी चपेट में आ गया था.
ठीक उसी प्रकार 12 अगस्त की रात 20 वर्षों बाद फिर से यहां पर पहाड़ी दरकी जबकि 1977 में भी ऐसी ही घटना के बारे में उन्होंने अपने पूर्वजों से सुना था।
ग्रामीणों द्वारा इस अजीब संयोग के खुलासे के बाद हर कोई हैरान है. कई लोगों के अनुसार यह केवल लोगों का भ्रम मात्र है. वहीँ कुछ लोगों का कहना है कि यह बात सच है. लेकिन फिर भी 12-13 अगस्त को इस तरह का हादसा होना कहीं न कहीं कुदरत के किसी संकेत की तरह लगता है. चूंकि इन दिनों में भारी बरसात के कारण पहाड़ पानी सोख कर दरक सकते हैं तो संभव है कि ग्रामीणों की बात सही हो.
जो भी हो इस भयानक दुर्घटना कई दशकों तक लोगों के जहन में रहती है. इस बात की अधिकारिक पुष्टि तो नहीं की गयी है लेकिन इतना जरुर है कि इस इलाके में भू-स्खलन की घटनाएं होती रहती है, लेकिन कभी भी यहाँ इतने बड़े पैमाने पर लोगों की जान नहीं गयी थी.