प्रदेश के लोक निर्माण एवं शहरी निकाय मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश में हो रही प्राकृतिक आपदा के कारण अब समय आ गया है कि नदी-नालों के किनारे निर्माण कार्यों पर नए नियम बना कर नदी-नालों के समीप निर्माण को अनुमति नहीं मिले।
इस बारे नए नियम बनाए जाएं, जिसमें शहरी निकायों के कानून में भी बदलाव किया जाना आवश्यक हो गया है, ताकि भविष्य में ऐसी आपदा के समय जानमाल के नुक्सान से बचा जा सके। यह बात उन्होंने जोगिंद्रनगर में कही। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि बरसात के कारण प्रदेश में जानमाल का भारी नुक्सान हुआ है,
जिसमें पधर के थल्टूखोड़, कुल्लू जिला का बागास्राय, मणिकर्ण और रामपुर का झाकड़ी का इलाका शामिल है। उन्होंने कहा कि इस आपदा से निपटने के लिए सरकार पूरी मुस्तैदी से राहत व बचाव कार्य में जुटी है। सरकार द्वारा इस आपदा से निपटने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
घायलों को सहायता प्रदान करने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। कुछ जगहों पर शव भी मिले हैं और कुछ लोग अभी भी लापता हैं, जिन्हें ढूंढने के प्रयास जारी हैं। मंत्री ने कहा कि प्रभावित इलाकों में पुनर्वास का कार्य तेेज किया जाएगा।
सड़कों को बहाल करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नदी-नालों के किनारे हो रहे निर्माण कार्य बारे अब सरकार को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
नदी-नालों में जिस तरह निर्माण कार्य हो रहे हैं, उससे पानी की निकासी के द्वार बंद हो गए हैं, जो हम सबके लिए चिंता का विषय है। इसके लिए अब सरकार को इस विषय में सोचना होगा तथा इस पर आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के सचिव जीवन ठाकुर तथा गुरुशरण सिंह परमार उनके साथ रहे।