खराब परीक्षा परिणाम पर एचपीयू प्रशासन की कड़ी आलोचना

बीएससी, बीकॉम प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों के खराब परीक्षा परिणामों पर एचपीयू प्रशासन की कड़ी आलोचना हो रही है। पिछली कक्षाओं में 90 फीसदी अंक लेने वाले छात्र फेल दर्शाए गए हैं और इसी से समूचा छात्र वर्ग भड़क़ उठा है। बढ़ती आलोचना और दबाव के बाद एचपीयू प्रशासन ने रिजल्ट की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है।

परीक्षा नियंत्रक डा. जेएसनेगी, डीन ऑफ प्लानिंग और डीन ऑफ कालेज को इस कमेटी में रखा गया है, जो जांच करेगी कि परीक्षा परिणामों में गड़बड़ी हुई है या नहीं। इसके साथ ही यह भी पता लगाया जाएगा कि ऑनलाइन पेपर चैकिंग में बच्चों के पेपर सही तरीके से चैक हुए हैं या नहीं।

एचपीयू में यह विवाद बढ़ता ही जा रहा है और पूरे प्रदेश के कालेजों में खराब रिजल्ट को लेकर छात्रों ने धरने दिए हैं। यूजी के 80 फीसदी छात्र इस परीक्षा में फेल हुए हैं। बहुत से छात्र ऐसे हैं, जिनके हर विषय में दो और तीन नंबर आए हैं। कुछ छात्रों की यह भी शिकायत है कि वे पिछली कक्षा में टॉपर थे, लेकिन कॉलेज में आकर फेल हो गए। ऐसे में छात्र लगातार पेपर दोबारा चैक करने की मांग उठा रहे हैं।

छात्रों की परीक्षाएं जून-जुलाई में हुई थीं और करीब छह माह बाद यह परीक्षा परिणाम घोषित किया गया है। ऐसे में अब छात्र लगातार पेपरों को दोबारा चैक करने की मांग लेकर यूनिवर्सिटी पहुंच रहे हैं। अब कमेटी की जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि इसमें कौन सी खामी सामने आई है।

एचपीयू की ओर से छात्रों को अब यह ऑप्शन दिया गया है कि अगर उसे अपने रिजल्ट पर संदेह है, तो वह रीचैकिंग और रीइवल्यूएशन के लिए आवेदन कर सकता है। गंभीर बात यह है कि छात्रों को इसके लिए भी प्रति सब्जेक्ट 300 रुपए चुकाने होंगे, जो सीधे तौर पर छात्रों की जेब पर बोझ है। ऐसे में छात्र अब इस मुश्किल में हैं कि उनके पेपर अच्छे हुए हैं, लेकिन वे इतनी भारी-भरकम फीस कैसे अदा करें।

यह ईको फ्रेंडली प्रोग्रामिंग साफ्टवेयर है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने इसके तहत परीक्षा और प्रवेश से जुड़ी प्रक्रिया को ऑनलाइन किया है। हालांकि छात्रों के पास रीचैकिंग और रीइवेल्यूएशन का विकल्प है, लेकिन इसके लिए प्रति सब्जेक्ट 300 रुपए चुकाने होंगे, जो सीधे तौर पर छात्रों की जेब पर बोझ है।

शिकायतकर्ता के पेपर को सैंपल के तौर पर करेंगे चैक

कमेटी की शुक्रवार देर शाम हुई बैठक में फैसला लिया गया है कि जिस कालेज से शिकायतकर्ता उनके पास शिकायत दर्ज करवाएंगे, उनके पेपर को सैंपल के तौर पर चैक किया जाएगा, ताकि पता चल सके कि इसमें किसी तरह की कोई खामी तो नहीं रही है। जो पेपर सैंपल के तौर पर चैक किए जाएंगे यदि उनके रिजल्ट में किसी भी तरह की गड़बड़ी पाई जाती है तो दोबारा उनका रिजल्ट एक सप्ताह के भीतर जारी किया जाएगा।

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