नई दिल्ली : सरकार ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर 9.2 प्रतिशत पर रहने की संभावना जताते हुए व्यक्तिगत और नौकरीपेशा लोगों को आयकर में कोई राहत नहीं दी तथा अगले वित्त वर्ष के लिए 39.45 लाख करोड़ रुपये के व्यय का आम बजट संसद में पेश किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करीब एक घंटा 40 मिनट तक पढ़े अपने बजट भाषण में कई नइ्र योजनाओं का भी प्रस्ताव किया तथा कर राजस्व में बढ़ोतरी किए जाने के भी उपायों का ऐलान किया।
चालू वित्त वर्ष का बजट अनुमान 34.83 लाख करोड़ रुपये था जो अब संशोधित होकर 37.70 लाख करोड़ रुपये हो गया है। चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.9 प्रतिशत रहेगा जबकि इसका बजट अनुमान 6.8 प्रतिशत था। अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा के जीडीपी की तुलना में 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
अगले वित्त वर्ष में कुल व्यय 39.45 लाख करोड़ रुपये का अनुमान जताया गया है जिसमें कुल प्राप्तियां 22.84 लाख करोड़ रुपए होगा। शेष उधारी या विनिवेश से जुटाये जायेंगें। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की आर्थिक विकास दर चालू वित्त वर्ष में 9.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो दुनिया की समस्त बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सर्वाधिक है।
देश की अर्थव्यवस्था महामारी के प्रतिकूल प्रभावों से उभरकर जिस तरह से समग्र रूप से बड़ी तेजी के साथ रिकवर कर रही है वह हमारे देश की दमदार मजबूती को दर्शाती है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और इसके साथ ही हमारा देश अब अमृत काल में प्रवेश कर गया है जो भारत की आजादी के 100 वर्ष तक पहुंचने में 25 वर्षों की लंबी अवधि को दर्शाता है। सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री द्वारा उल्लेख किए गए विजन को साकार करने का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था एवं फिनटेक, प्रौद्योगिकी आधारित विकास, ऊर्जा संबंधी बदलाव, और जलवायु कार्रवाई को बढ़ावा देना, निजी निवेश से शुरू होने वाले लाभप्रद आर्थिक चक्र पर भरोसा करना और इसके साथ ही सार्वजनिक पूंजीगत निवेश के बल पर निजी निवेश जुटाने में मदद मिलने की संभावना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से ही सरकार देश के नागरिकों,
विशेषकर गरीबों एवं हाशिए पर पड़े लोगों को सशक्त बनाने पर अपना ध्यान केंद्रित करती रही है और इसके साथ ही लोगों को आवास, बिजली, रसोई गैस मुहैया कराने तथा जल तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। सरकार ने वित्तीय समावेश एवं प्रत्यक्ष लाभ अंतरण सुनिश्चित करने के लिए अनेक कार्यक्रम शुरू किए हैं और इसके साथ ही सरकार ने समस्त अवसरों का उपयोग करने में गरीबों की क्षमता बढ़ाने के लिए अपनी ठोस प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
वित्त मंत्री ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत विजन को साकार करने के लिए 14 सेक्टर्ज में दिए जा रहे उत्पादकता आधारित प्रोत्साहन पर व्यापक अनुकूल प्रतिक्रिया हुई है जिनमें 60 लाख नए रोजगारों को सृजित करने के साथ-साथ अगले पांच वर्षों के दौरान 30 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त उत्पादन करने की क्षमता बनेगी।
नई सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम नीति के कार्यान्वयन के मुद्दे पर विस्तार से बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि एयर इंडिया के स्वामित्व के रणनीतिक हस्तांतरण का कार्य पूरा हो गया है, नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल) के रणनीतिक साझेदार का चयन हो चुका है, एलआईसी का सार्वजनिक निर्गम जल्द ही आने की आशा है और अन्य संबंधित प्रस्ताव भी वर्ष 2022-23 के लिए प्रक्रियाधीन हैं।