यातायात अपडेट : चंडीगढ़-मनाली एनएच 41 घंटे बाद बहाल

चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाई-वे गुरुवार को दोपहर एक बजे वाहनों के लिए सुचारू हो गया है। अति महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग चंडीगढ़-मनाली पर पूरे 41 घंटों के बाद वाहनों की आवाजाही देखी गई।

दवाड़ा से झलोगी के बीच भारी बारिश से हुए भूस्खलन ने सडक़ मार्ग को ऐसे ध्वस्त किया, मानो यहां कभी सडक़ थी ही नहीं। बता दें कि गत मंगलवार रात करीब आठ बजे से यह सड़क मार्ग बंद हुआ था।

जानकारी के मुताबिक दवाड़ा फ्लाईओवर के पास अचानक भारी चट्टानें गिर गईं, वहीं झलोगी तक करीब चार अलग-अलग स्थानों पर स्लाइडिंग होती रही, जिससे सैकड़ों वाहन दोनों ओर फंसे रहे।

हालांकि 9 मील और जोगनी मोड़ पर भी लैंडस्लाइड के कारण सडक़ मार्ग बंद रहा, मगर इसे बुधवार शाम तक यातायात के लिए सुचारू कर दिया गया था। सडक़ खुलवाने में पंडोह और औट पुलिस ने सराहनीय कार्य किया है।

हालांकि एलएनटी और जेसीबी मशीनों के आपरेटर्स ने भी जान की बाज़ी लगा कर इस सडक़ मार्ग को नई जान डाली है। बता दें कि क्षतिग्रस्त स्थानों पर सडक़ मार्ग अभी एक तरफा ट्रैफिक के लिए बहाल हो सका है।

सड़क पर दरारें

कैंची मोड़ के साथ बने मां बगलामुखी रोप-वे के साथ सडक़ मार्ग पर भी दरारें आ गई हैं। हालांकि पहले भी इन दरारों को सीमेंट के साथ भरा जा चुका है।

अब फिर से कंपनी इस पर लिपापोती कर रही है, मगर बरसात में दरारे ओर बढ़ती जा रही है, जो रोप-वे के लिए संकट का कारण बन सकती है। हालांकि रोप-वे की फाउंडेशन सुरक्षित है।

पंडोह के पास कैंची मोड़ पर मंडराया खतरा

चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाई-वे पर पंडोह डैम के कैंची मोड़ पर एक बार फिर से खतरा मंडराने लग गया है। यह वही क्षेत्र है, जहां 2023 की भारी बरसात में हाई-वे सात महीनों तक बंद हो गया था।

अब 2025 की बरसात में दोबारा जगह-जगह दरारें साफ दिखाई दे रही हैं। इससे नेशनल हाई-वे ख़तरे की जद में आ गया है।

टनल से 1500 लोग रेस्क्यू

मंडी। झलोगी टनल के मुहाने पर दरके पहाड़ी के कारण रुके वाहनों ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है। इस क्षेत्र से मंडी जिला प्रशासन ने 1500 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया है।

टनल के मुहाने पर गिरे पहाड़ के कारण दो दिनों तक चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाई-वे बंद रहा है, जो गुरुवार की शाम यातायात के लिए बहाल हो पाया है।

गुरुवार के दिन कंमाद-कटौला रोड के बंद रहने से लोगों की दुश्वारियां बढ़ी रहीं। यह रास्ता भी शाम होते हाते वाहनों के लिए बहाल कर दिया गया है। दो दिनों तक 20 मशीनों और 50 राहत कर्मियों की महनत रंग लाई है।

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