जोगिन्दरनगर : तुलसी का महत्व केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं माना जाता है बल्कि इसका महत्व औषधीय तौर पर भी है. तुलसी का इस्तेमाल हम सभी कभी न कभी ज़रूर करते हैं लेकिन यदि इसके सही तरीके से उपयोग की जानकारी मिल जाये तो बस फिर सोने पर सुहागा है. घर -आंगन में लगा तुलसी का पौधा वास्तु दोष भी दूर करने में सक्षम है. तुलसी के रस का सेवन शहद के साथ करने से वातरक्त,दूषित रक्त दूर होते हैं. गुणों से भरपूर तुलसी के और भी कई फायदे हैं जो इस प्रकार से हैं>>
वास्तुदोष होता है दूर
यह वास्तु दोष भी दूर करने में सक्षम है. घर के आंगन में तुलसी का पौधा हो तो घर का कलह और अशांति दूर होती है. घर-परिवार पर मां लक्ष्मी जी की विशेष कृपा बनी रहती है. प्रतिदिन दही के साथ चीनी और तुलसी के पत्तों का सेवन करना बहुत शुभ माना जाता है.
तुलसी की हैं दो किस्में
आयुर्वेद में तुलसी को स्वास्थ्यवर्धक गुणों के आधार पर दो किस्मों में बांटा गया है सफेद और काली. तुलसी की ये दो किस्में अलग अलग तरह से कई रोगों में कारगार हैं.
मौसमी बीमारी में है कारगार
तुलसी के इस्तेमाल से घर में मौजूद साधारण मसालों के साथ करने पर मौसमी बीमारियों से भी आसानी से निजात पाई जा सकती है.
सर्दी जुकाम करती है दूर
सर्दी जुकाम और थकावट के लिए तुलसी की 11 पतियाँ,तीन दाने काली मिर्च और छह मासा अदरक को डेढ़ पाव पानी में कम आंच में काढ़े की तरह पकाएं. इस काढ़े को चीनी मिलकर इच्छा के अनुसार लें. इससे तुरंत आराम मिलता है.
वातरक्त और दूषित रक्त करती है दूर
तुलसी के रस का सेवन शहद के साथ करने से वातरक्त,दूषित रक्त दूर होते हैं.खुजली में इसके रस की मालिश करने और इसके रस पीने से फायदा होता है.
दांत दर्द दूर करने में है सक्षम
दांत में कीड़ा लगने पर तुलसी रस में कपूर मिलाकर रुई में भिगोकर प्रभावित स्थान पर रखने से राहत मिलती है. इसके अलावा पेशाब में जलन होने,पेशाब कम होने, लू लगने पर तुलसी के बीजों का चूर्ण पानी के साथ लेने से फायदा होता है.
बच्चों में सांस की दिक्कत करती है दूर
तुलसी बच्चों को साँस की परेशानी और पसली चलने पर तुलसी का रस एक से तीन मासा तक गर्म कर शहद के साथ चटाने से लाभ मिलता है. घर आंगन की यह तुलसी और भी कई काम आती है.