आप सभी को निर्जला एकादशी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। निर्जला एकादशी का व्रत 18 जून यानि मंगलवार को किया जा रहा है. निर्जला एकादशी इस एकादशी व्रत में पानी पीना वर्जित माना जाता है, इसलिए इसे निर्जला एकादशी कहते हैं. इस एकादशी का संबंध भीमसेन से भी है.
इसी कारण इसे भीमसेनी एकादशी भी कहते है. जो भी व्यक्ति निर्जला एकादशी का व्रत रखता है, उसके सभी पाप मिट जाते हैं क्योंकि उस पर भगवान विष्णु की कृपा होती है. निर्जला एकादशी व्रत में जल कब पीना चाहिए, यहां जानें क्या है नियम.
निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त
निर्जला एकादशी 2024 तिथि और व्रत आरंभ- 17 जून सुबह 04.43 मिनट से शुरू.
निर्जला एकादशी तिथि समापन- 18 जून 2024, सुबह 06.24 मिनट पर समापन होगा.
निर्जला एकादशी व्रत में कब पीना चाहिए पानी ?
निर्जला एकादशी व्रत में पानी पीना वर्जित होता है. हालांकि, बीमार होने की स्थिति पर पानी ग्रहण कर सकते हैं.
शास्त्रों के अनुसार निर्जला एकादशी व्रत में सूर्योदय से लेकर दूसरे दिन के सूर्योदय तक जल का त्याग करना चाहिए और अगले दिन सूर्योदय के बाद पूजा करके पारण के समय जल ग्रहण करना चाहिए.
जल दान का महत्व
निर्जला एकादशी पर जल का दान करने से पूर्वजों की आत्मा को तृप्ति मिलती है. साथ ही आर्थिक संकट, गृह क्लेश, रोग आदि से दूर होती है. जिन लोगों की कुंडली में शनि दोष चल रहा है उन्हें निर्जला एकादशी पर पीपल में जल अर्पित करें. इससे शनि प्रसन्न होते हैं.
निर्जला एकादशी व्रत नियम
बीमार, गर्भवती महिला, बूढ़े व्यक्ति जो दिनभर भूखे-प्यासे नहीं रह सकते हैं, उन्हें इस व्रत में खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए. जिन लोगों के लिए भूखे-प्यासे रहना मुश्किल है, वे व्रत में फलों का, दूध का सेवन कर सकते हैं.