मंगलवार को शिमला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग हुई। इसमें नगर परिषद मंडी, सोलन और पालमपुर को नगर निगमों में अपग्रेड करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा सोलन जिले के कंडाघाट, ऊना के अंब, कुल्लू जिले के आनी और निरमंड व शिमला के चिडग़ांव और नेरवा में छह नई नगर पंचायतें बनाने का भी फै सला हुआ है। मीटिंग में यह भी फैसला हुआ कि हिमाचल पुलिस में कांस्टेबलों के 1334 रिक्त पदों को भरा जाएगा। इसमें 976 पुरुष और 267 महिला कांस्टेबलों के पद शामिल हैं ।
कैबिनेट ने 1 अप्रैल 2020 से शिक्षा विभाग में आउटसोर्स आधार पर लगे आईटी शिक्षकों के मानदेय को 10 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया। इससे 1345 आईटी शिक्षकों को फायदा होगा।
मंत्रिमंडल शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए प्राथमिक और उच्च शिक्षा विभाग में विभिन्न श्रेणियों के पहले से लगे हुए एसएमसी शिक्षकों की सेवाओं में विस्तार प्रदान करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी और अंतिम सत्र के परिणाम के लिए उनके शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए उन्हें पारिश्रमिक भी वितरित किया जा सकता है जोकि उच्चतम न्यायालय में लंबित विशेष याचिका के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगा। मंत्रिमंडल ने इस वर्ष 8 नवंबर से सरकार के जनमंच कार्यक्रम को बहाल करने का निर्णय लिया, ताकि घरों के निकट जनता की शिकायतों का त्वरित निवारण हो सके।
कैबिनेट ने अग्रणी फायरमैन के 32 पदों को भरने के लिए अपनी सहमति दी। कांगड़ा जिले के संसारपुर टैरेस, किन्नौर जिले के सांगला और कुल्लू जिले के पतलीकुहल में नए खुले फायर पोस्ट में ड्राइवर कम पंप ऑपरेटरों के 11 पद भरने की मंजूरी दी। कैबिनेट ने नियमित आधार पर राज्य के 22 अधीनस्थ न्यायालयों में 22 पदों को बनाने और भरने का निर्णय लिया।
हिमाचल के डिग्री कॉलेजों में पढऩे वाले प्रथम और द्वितीय वर्ष के करीब 60 हजार विद्यार्थियों को सरकार ने बिना परीक्षाएं लिए ही अगली कक्षाओं में प्रमोट करने का फैसला ले लिया है। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
प्रमोट किए जाने वाले विद्यार्थियों की बीते साल की परीक्षा के 50 फीसदी अंकों, वर्तमान सत्र की आतंरिक परीक्षा के 30 फीसदी और शिक्षकों की असेसमेंट के 20 फीसदी अंकों के आधार पर कुल अंक दिए जाएंगे। अगर कोई विद्यार्थी इन अंकों से नाखुश रहता है तो वो अगले साल पुरानी कक्षा की परीक्षाएं देकर अपने अंकों में सुधार ला सकता है।
हिमाचल के डिग्री कॉलेजों में पढऩे वाले प्रथम और द्वितीय वर्ष के करीब 60 हजार विद्यार्थियों को सरकार ने बिना परीक्षाएं लिए ही अगली कक्षाओं में प्रमोट करने का फैसला ले लिया है। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
प्रमोट किए जाने वाले विद्यार्थियों की बीते साल की परीक्षा के 50 फीसदी अंकों, वर्तमान सत्र की आतंरिक परीक्षा के 30 फीसदी और शिक्षकों की असेसमेंट के 20 फीसदी अंकों के आधार पर कुल अंक दिए जाएंगे। अगर कोई विद्यार्थी इन अंकों से नाखुश रहता है तो वो अगले साल पुरानी कक्षा की परीक्षाएं देकर अपने अंकों में सुधार ला सकता है।
प्रदेश में नौवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों की अब नियमित कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया है। दो नवंबर से प्रदेश के स्कूलों में नौवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों की नियमित कक्षाएं लगेंगी। कॉलेजों में भी दो नवंबर से शैक्षणिक सत्र शुरू होगा। प्रथम, द्वितीय और अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की नियमित कक्षाएं लग जाएंगी। यूजीसी के निर्देशानुसार प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है।
प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार की एसओपी के अनुसार अभिभावकों के सहमति पत्र पर ही विद्यार्थियों को स्कूल-कॉलेजों में प्रवेश देने की शर्त अभी बरकरार रखी है। इसके अलावा केंद्र सरकार की एसओपी का पालन करते हुए विद्यार्थियों के बीच पर्याप्त शारीरिक दूरी बनाए रखने और थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही प्रवेश देने का फैसला लिया गया है।