धर्मशाला-मैक्लोडगंज महत्वकांक्षी रोप-वे परियोजना का निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है। दिसम्बर माह से इस रोप-वे को संचालित करने वाली कंपनी ने टिकट बुकिंग करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिससे कि नए साल पर पर्यटकों सहित स्थानीय लोग रोप-वे के सफर का आनंद उठा सकेंगे।
रोप-वे निर्माण कंपनी ने आगामी औपचारिकताएं पूर्ण करना शुरू कर दिया है। इस महत्वकांक्षी परियोजना से जहां पर्यटकों को जाम से निजात मिलेगी, वहीं पर्यटन की दृष्टि से भी इसे काफी अहम माना जा रहा है।
इससे पहले रोप-वे को शुरू करने से पहले ट्रायल भी किए गए हैं, जिसमें इसे हरी झंडी मिल चुकी है। धर्मशाला-मैक्लोडगंज रोप-वे के शुरू होने के बाद पर्यटक व स्थानीय लोग 9 मिनट में मैक्लोडगंज पहुंच जाएंगे। रोप-वे के लिए 13 टॉवर बनाए गए हैं, जबकि इसमें 18 से 24 केबिन होंगे।
रोप-वे के माध्यम से प्रति घंटा एक हजार लोगों को लाने व ले जाने की व्यवस्था होगी। इसके माध्यम से धर्मशाला से मैक्लोडगंज की दूरी 1.75 किलोमीटर रह जाएगी। वहीं, वाहनों से 10 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। पर्यटन सीजन में बाहरी राज्यों के पर्यटकों की आवाजाही के चलते यहां पर भारी जाम की समस्या से जूझना पड़ता है, जिसके चलते धर्मशाला से मैक्लोडगंज पहुंचने के लिए कई बार 2 से 4 घंटे का समय लग जाता है।
रोप-वे के लिए 1000 वर्ग मीटर के 2 टर्मिनल बनाए गए हैं। लोअर टर्मिनल यानी धर्मशाला (बस स्टैंड के समीप) में 600 वर्ग मीटर में टर्मिनल का निर्माण किया गया है, जबकि अप्पर टर्मिनल मैक्लोडगंज (दलाई लामा मंदिर के समीप) में 400 वर्ग मीटर में टर्मिनल निर्मित किया गया है।
जिला पर्यटन विभाग के उपनिदेशक पृथीपाल सिंह ने कहा कि धर्मशाला-मैक्लोडगंज रोप-वे को लेकर निर्माण कंपनी ने दिसम्बर माह से टिकट बुकिंग की प्रक्रिया को शुरू करने की बात कही है। अगले वर्ष जनवरी माह में पर्यटक व स्थानीय लोग इस रोप-वे के सफर का आनंद ले सकते हैं।