यदि दृढ़ता और इच्छाशक्ति हो तो किसी भी चुनौती को आसानी से पार किया जा सकता है। इसी दृढ़ता और इच्छा शक्ति के बल पर किन्नौर जिला की चांगो गांव से संबंध रखने वाली 29 वर्षीय दृष्टिहीन पर्वतारोही छोंजिन अंगमो ने विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह कर विश्व की पहली दृष्टिहीन महिला बनने का इतिहास रचा है।

छोंजिन अंगमो की इस बड़ी उपलब्धि पर आज उन का घर परिवार गांव सहित पूरा देश गौरवान्वित महसूस कर रहा है। काठमांडू, नेपाल से वॉट्सएप काल पर दिव्य हिमाचल से सीधी बात करते हुए छोंजिन अंगमो ने बताया कि मेरा सपना था कि एक दिन माउंट एबरेस्ट को फतह करना।
इस सफलता के लिए उन्होंने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का धन्यवाद किया जिसने उन्हें स्पांसर किया है।
बता दे कि छोंजिन अंगमो स्वयं यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में ही कार्यरत है। उन्होंने बताया कि अपने बैंक के सहायता से ही मैने अपने सपने को पूरा किया है।
छोंजिन अंगमो ने पायनियर एवरेस्ट एक्सपीडिशन के तहत 19 मई 2025 की सुबह लगभग 8:34 बजे एवरेस्ट पर फतह हासिल की।
इस अभियान में उन्हें उनके गाइड डांडू शेरपा और ओम गुरुंग ने सहायता की। यह भी बता दे कि दृढ़ संकल्प व इच्छाशक्ति के कारण ही छोंजिन अंगमो ने दृष्टिहीन होने के बावजूद इस बड़ी उपलब्धि को हासिल किया है। उन की अब तक के जीवन काल में और भी कई ढेरों सारी उपलब्धियां है।






























