आखिरकार हिमाचल प्रदेश को एक नया मुख्यमंत्री मिल गया है…वो भी करीब 40 सालों बाद। कांग्रेस हाईकमान ने 58 वर्षीय सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाम पर मुहर लगा दी। वहीं उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री को चुना गया। 1983 में स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने मुख्यमंत्री का पद संभाला। इसके बाद प्रदेश में जब भी कांग्रेस की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री वीरभद्र रहे, जिनका पिछले साल निधन हुआ। अब सुक्खू के हाथों में कमान होगी।
सुक्खू की कमान में प्रदेश का विकास कहां तक जाता है, यह आगामी समय में सामने आ ही जाएगा, लेकिन सुक्खू की जिंदगी के बारे में बात करें तो राजनीति में उनका इतिहास बेहद पुराना रहा। आइए जानें हिमाचल के नए CM के बारे में कुछ खास बातें
26 मार्च 1964 को हमीरपुर के नादौन के सेरा गांव में जन्मे सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पीजी और एलएलबी की पढ़ाई की है. सुक्खू ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में तब की थी जब वह सरकारी कॉलेज संजौली, शिमला में विद्यार्थी थे।
उनकी पत्नी का नाम कमलेश ठाकुर है, जिनसे दो बेटियां हैं, जो दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर रही हैं। साथ ही सुक्खू पढ़ाई के मामले में भी आगे रहे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पीजी और एलएलबी की पढ़ाई की है।
नए सीएम का राजनीतिक सफर-
– सुक्खू वे कॉलेज छात्र संघ के महासचिव और अध्यक्ष रहे हैं। वह 1989 से 1995 के बीच NSUI के भी अध्यक्ष रहे हैं।
– 1999 से 2008 के बीच उन्होंने युवा कांग्रेस के प्रमुख के पद के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी। इसके अलावा वह दो बार शिमला नगर निगम पार्षद भी चुने गए
– फिर 2013 में हिमाचल कांग्रेस के प्रमुख के पद तक पहुंचे और 2019 तक राज्य इकाई के प्रमुख के रूप में जिम्मेदारी निभाई।
– 2003, 2007 और 2017 में नादौन विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे।
– 2022 चुनावों में उन्होंने बीजेपी के विजय अग्निहोत्री को 3363 मतों के अंतर से हराकर लगातार चाैथी बार विधायक की कुर्सी संभाली।
पिता थे HRTC ड्राइवर
यह बहुत कम लोगों को पता होगा कि कांग्रेस कैंपेन कमेटी के प्रमुख सुक्खू के पिता रसील सिंह हिमाचल पथ परिवहन निगम में ड्राइवर थे। मां संसार देई गृहिणी हैं। सुक्खू चार भाई-बहनों में दूसरे नंबर के हैं। इसके अलावा एक रोचक बात यह भी है कि हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में वीरभद्र सिंह परिवार और सुखविंदर सिंह सुक्खू के बीच छत्तीस का आंकड़ा बना हुआ है।
वीरभद्र का परिवार और सुक्खू एक-दूसरे के विरोधी माने जाते रहे। अब जब सीएम चुनने की बात आई तब भी प्रतिभा सिंह ने सुक्खू के पक्ष में बात नहीं की, बल्कि मुकेश अग्निहोत्री को सीएम बनाने की डिमांड हाईकमान के सामने रखी।