जोगिन्दरनगर : जोगिन्दरनगर उपमंडल के तहत खुद्दर गांव में लडभड़ोल स्थित ऊहल चरण तृतीय चुल्ला परियोजना के लिए रिजर्वायर का निर्माण किया गया है. इस रिजर्वायर में अभी तक 3 बार पानी भरा गया है लेकिन हर बार ही इसके आसपास रिसाव हुआ. यह 100 मेगावाट विद्युत् पैदा करने वाली परियोजना हमेशा ही विवादों से घिरी रही है एक और तय सीमा के अंदर पूरी नहीं हो पाई. गौरतलब है कि इसकी लागत राशि भी मंजूरी राशि से 3 गुना अधिक खर्च होने के वावजूद यह परियोजना बन पाई है. समय रहते बार -बार हो रहे रिसाव की तरफ प्रबंधन को उचित कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी अनहोनी से बचा जा सके.
अभी तक नहीं हो पाया उद्घाटन
रिजर्वायर में हो रहे रिसाव के कारण इस परियोजना को अभी तक हरी झंडी नहीं मिल पाई है. यह परियोजना हमेशा ही विवादों से घिरी रही है एक और तय सीमा के अंदर पूरी नहीं हो पाई. गौरतलब है कि इसकी लागत राशि भी मंजूरी राशि से 3 गुना अधिक खर्च होने के वावजूद यह परियोजना बन पाई है. रिजर्वायर के आसपास पानी का रिसाव अब भी चिंता का एक बहुत बड़ा कारण बना हुआ है.
प्रबंधन को करने होंगे प्रयास
परियोजना प्रबंधन को ऐसे प्रयास करने होंगे जिससे भविष्य में होने वाली तबाही से आसपास के रिहायशी इलाके को तबाह होने से बचाया जा सके. इस परियोजना में एक के बाद एक कई कम्पनियों ने काम किया लेकिन हैरानी की बात है कि अनुमानित लागत राशि जो कि लगभग 500 करोड़ थी वह बढ़कर 1600 करोड़ के आस पास पहुंच गई जो इस परियोजना के निर्माण कार्य में संदेह पैदा करती है.
रणा खड्ड से भी लिया गया है पानी
इस परियोजना को बनाने में भरोलू गाँव के पास रणा खड्ड सहित कई सहायक नालों का पानी इसमें इकट्ठा होगा जो आने वाले समय में क्षेत्र के अंदर एक बहुत बड़े सूखे व पानी की कमी का कारण भी बन सकता है.
इसके अलावा इसमें ऊहल नदी का पानी भी मिलाया जा रहा है. समय रहते बार -बार रिजर्वायर के आसपास हो रहे रिसाव की तरफ प्रबंधन को उचित कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी अनहोनी से बचा जा सके.
स्रोत : HIMACHAL VOICE