फोरलेन की राह में हनोगी की पहाड़ी ने चट्टाने खड़ी कर दी हैं। दरकते पहाड़ के कारण टनल सहित साथ लगता पुल भी बेकार होता प्रतीत हो रहा है। ऐसे में खिसकते पहाड़ के कारण फोरलेन निर्माण आफत बन गया है।
पहाड़ नीचे को तरफ और साइड की ओर लगातार दरक रहा है। ऐसे में बनी बनाई टनल और उसके आगे एक पुल भी पहाड़ के साथ ही दरक रहा है।
इस टनल को बनाने के लिए एनएचएआई करीब 120 करोड़ खर्च कर चुकी है, लेकिन दरकता पहाड़ अब फोरलेन को बनाने की अनुमति नहीं दे रहा है। हनोगी पहाड़ के बारे में बताया जा रहा है कि यह पहाड़ खोखला है और लगातार दरक रहा है।
एनएचएआई इस पहाड़ को स्टेबल तो करना चाह रहा है, लेकिन अभी तक कोई कामयाबी मिल नहीं पाई है। एनएचएआई के प्रोजेक्ट निदेशक वरुण चारी ने कहा है कि हनोगी पहाड़ दरक रहा है। इस कारण टनल और साथ लगते पुल भी चपेट में आए हैं। टनल वाले पहाड़ को ठीक किया जा रहा है।
हनोगी से झलोगी तक टनल ही टनल
हनोगी से झलोगी तक टनल का जाल है। यह टनल पंडोह-टकोली बायपास का हिस्सा हैं। मई 2023 में ट्रायल ट्रैफिक के लिए खोला गया। हनोगी टनल 1.5 किमी की ट्विन-ट्यूब है।
इसकी लागत करीब 200 करोड़ है। सांथली टनल 0.8 किमी की सिंगल-ट्यूब है। इसके बनाने पर 100 करोड़ खर्च किए गए हैं। झिरी टनल 1.2 किमी है और ट्विन-ट्यूब है इसके बनाने पर 150 करोड़ खर्च किए हैं।
धार नाला टनल 0.9 किमी है और यह सिंगल-ट्यूब है। इसके बनाने पर 120 करोड़ खर्च किए गए हैं। टकोली टनल 1.0 किमी है और ट्विन-ट्यूब है। इसके बनाने पर करीब 180 करोड़ खर्च किए गए हैं।































