हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में नई पंचायतों के गठन के लिए मापदंड तय कर दिए हैं। इन्हीं मापदंडों को पूरा करने वाले क्षेत्रों को नई ग्राम पंचायत मिलेगी। इसमें जनजातीय व गैरजनजातीय क्षेत्रों के लिए आबादी व रिहायश का मापदंड बनाया गया है जिसके मुताबिक नई पंचायतों की घोषणा होगी। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर नें बताया कि मंत्रिमंडल की 11 अगस्त को आयोजित बैठक में मापदंड तय करने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया था।
गैरजनजातीय क्षेत्रों के लिए अनुमोदित मापदंडों के अनुसार उन ग्राम पंचायतों से नई पंचायतों का गठन किया जाएगा जिनकी 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 2000 तथा उससे अधिक है तथा परिवारों की संख्या 500 या उससे अधिक, ग्राम पंचायत के वर्तमान मुख्यालय से सबसे दूर वाले गांव की दूरी पांच किलोमीटर या उससे अधिक, गांव की संख्या पांच तथा उससे अधिक है।
इसके साथ यह शर्त भी है कि वर्तमान पंचायत तथा नव प्रस्तावित ग्राम पंचायत की जनसंख्या विभाजन के पश्चात न्यूनतम 600 होनी चाहिए। यह मापदंड पिछड़े क्षेत्रों के लिए भी लागू होगा। इसी प्रकार जनजातीय क्षेत्रों की उन ग्राम पंचायतों में से नई पंचायतें बनाई जाएंगी, जिनकी जनसंख्या 750 और उससे अधिक है।
इसके साथ यह शर्त भी है कि वर्तमान पंचायत तथा नव प्रस्तावित ग्राम पंचायत की जनसंख्या विभाजन के पश्चात न्यूनतम 300 होनी चाहिए। विभाग में अब तक प्राप्त 470 से अधिक प्रस्तावनाओं का उक्त मापदंडों के अनुसार परीक्षण किया जा रहा है, जो पंचायतें उक्त मापदंडों को पूर्ण करेगी उनके गठन की सरकार द्वारा अधिसूचना जारी की जा रही है।
अधिसूचना पर संबंधित ग्रामसभा के सदस्य सात दिन के भीतर अपनी आपत्तियां संबंधित उपायुक्तों के समक्ष दर्ज करवा सकते हैं। इन पर उपायुक्त तीन दिन के भीतर फैसला लेकर विभाग को अपनी संस्तुति देंगे, जिसके पश्चात सरकार द्वारा अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी।
विभागीय मंत्री ने बताया कि अनुमोदित मापदंडों के अनुसार प्रदेश के गैरजनजातीय क्षेत्रों में 220 तथा जनजातीय क्षेत्रों में आठ ग्राम पंचायतों के गठन की संभावना है।