आ गया शिक्षक भर्ती का फार्मूला: हिमाचल में 2 या 3 साल के लिए होगी भर्ती

हिमाचल में शिक्षक भर्ती का फार्मूला लगभग तय हो गया है। प्रदेश के दूरदराज इलाकों में खाली पड़े पदों को सरकार भरने जा रही है। इसके लिए कैबिनेट सब कमेटी की बैठक में मंगलवार को मंथन हुआ और जो फार्मूला निकाला गया है,

उसके तहत फिलहाल अस्थायी तौर पर शिक्षकों की भर्ती की जाएगी, जो कि दो या तीन साल के लिए होगी या जब तक रेगुलर भर्ती नहीं हो जाती। यह भर्ती पीटीए, एसएमसी और विद्या उपासक भर्ती फार्मूले के बिलकुल अलग होगी।

अस्थायी शिक्षक भर्ती में आर एंड पी रूल्ज को फॉलो किया जाएगा, जिसमें रिजर्वेशेन सहित सभी नियमों को फॉलो किया जाएगा। हालांकि अभी यह फाइनल नहीं हुआ है, क्योंकि गुरुवार को फिर कैबिनेट सब कमेटी की मीटिंग बुलाई गई है, जिसमें अस्थायी शिक्षक भर्ती फार्मूले को अंतिम रूप दिया जाएगा।

इसके बाद मामला कैबिनेट मीटिंग में जाएगा, जिसके बाद वित्त मंत्रालय से मंजूरी मांगी जाएगी। मंगलवार को कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष एवं उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, सचिव शिक्षा और सचिव विधि की भर्ती मामले में बैठक हुई, जिसमें कई मसलों पर मंथन किया गया।

बैठक के बाद मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने पत्रकार वार्ता में बताया कि सरकार का फोकस बच्चों के भविष्य पर है। देखा गया है कि हार्ड एरिया में अध्यापक ही नहीं हैं। चूंकि नया सत्र शुरू हो चुका है, ऐसे में स्कूलों में खाली पद भरना बेहद जरूरी है।

साथ ही रिजर्वेशन को भी देखा जाएगा। भर्ती के लिए वाइवा नहीं होगा यानी पर्सनल इंटरव्यू नहीं लिया जाएगा। पूरी प्रक्रिया होने के बाद हार्ड एरिया में शिक्षकों को दो या तीन साल के लिए तैनाती दे दी जाएगी। लेक्चरर की भर्ती डायरेक्ट एजुकेशन के माध्यम से की जाएगी।

कितना होगा वेतन
सरकार द्वारा अस्थायी तौर पर रखे जाने वाले शिक्षकों का वेतन कितना और और क्या-क्या सहूलियतें उन्हें मिलेंगी, इस पर अभी फैसला नहीं हो पाया है। वेतन का फैसला मंत्रिमंडल द्वारा किया जाएगा।

सरकार ने पिछले एक साल यानी अप्रैल, 2022 से लेकर अब तक चल रहे खाली पदों का ब्यौरा मांगा है, जिसका आंकड़ा गुरुवार को हाने वाली सब कमेटी की बैठक में सामने आ जाएगा।

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