नौकरी लीजिए या 15 साल तक पगार

राज्य बिजली बोर्ड ने करुणामूलक पॉलिसी को दी मंजूरी

शिमला : राज्य बिजली बोर्ड ने अपने लगभग 22 हजार कर्मचारियों के लिए करुणामूलक आधार पर नौकरी की नई पालिसी को मंजूर कर लिया है। पालिसी के तहत पीडि़त परिवार को तुरंत रोजगार मिलेगा। यदि कोई रोजगार न लेना चाहे तो मृतक कर्मचारी का जो आखिरी वेतन है, वह 15 साल तक आश्रितों को दिया जाता रहेगा।

बता दें कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कर्मचारी यूनियन द्वारा रखी गई नई पालिसी की मांग को माना था। इसके बाद मंगलवार को बोर्ड के निदेशक मंडल ने इसे हरी झंडी दिखा दी है। गौर हो कि बिजली बोर्ड में तकनीकी कर्मचारियों के साथ लगातार हादसे हो रहे थे, लेकिन उनके आश्रितों को राहत नहीं मिल पा रही थी। अब नई पालिसी से इन आश्रितों को तुरंत राहत मिलेगी।

बोर्ड में करुणामूलक आधार पर लंबित पड़े 300 से ज्यादा मामलों में भी अब राहत मिल सकेगी। करुणामूलक आधार पर राहत देने की इस पालिसी के अनुसार यदि किसी दैनिक भोगी या फिर अनुबंध पर कार्यरत कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसके आश्रितों को तुरंत पांच लाख रुपए का मुआवजा प्रदान किया जाएगा। यदि किसी नियमित कर्मचारी की मृत्यु होती है, तो उसके परिजनों को तुरंत 10 लाख रुपए की राशि बतौर मुआवजा प्रदान की जाएगी। यही नहीं, तीन महीने के भीतर इनके परिजनों में से किसी एक को रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा। इतना ही नहीं, बल्कि परिवार से कोई रोजगार न लेना चाहे तो मृतक कर्मचारी का जो आखिरी वेतन है, वह 15 साल तक आश्रितों को दिया जाता रहेगा। यह आश्रितों की अपनी इच्छा पर निर्भर करेगा।

बिजली बोर्ड के कर्मचारियों के लिए यह सुखद खबर है, क्योंकि ये लोग अभी तक इसी परेशानी में थे कि बोर्ड से उनके आश्रितों को रोजगार नहीं मिल पा रहा था और कई मामले लंबित पड़े हुए थे। बोर्ड ने यह पालिसी तैयार की, जिसे निदेशक मंडल के सामने रखा गया। वहीं, बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के महामंत्री हीरा लाल वर्मा ने मुख्यमंत्री द्वारा किए गए ऐलान के मुताबिक फैसले लेने पर बोर्ड के निदेशक मंडल का आभार जताया है।

कर्मचारी हित में और निर्णय

निदेशक मंडल ने कर्मचारी हितों में कुछ और फैसले भी लिए हैं। 48 श्रेणियों के कर्मचारियों के वेतन मानों में विसंगतियां चल रही थीं, जिन्हें दूर करने को लेकर बोर्ड ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इसमें वित्तीय मामलों पर विस्तार से जानकारी मांगी गई है, लिहाजा अगली बैठक में यह मसला भी हल हो जाएगा।

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