हिमाचल प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में शिक्षा व्यवस्था को सही बनाने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने स्कूलों को नए निर्देश जारी किए हैं। इन नए निर्देशों के मुताबिक सरकारी और निजी स्कूलों के बच्चों को ट्रैक करने के लिए आधार कार्ड की तर्ज पर परमानेंट एजुकेशन नंबर जारी किया जाएगा।
प्रदेश भर में शिक्षा विभाग इस कार्य में जोर शोर से लगा है। यू-डाइस प्लस पोर्टल के जरिए सरकारी व निजी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को 53 सूचनाएं यू-डाइस (यूनिफाइड डिस्ट्रिक इन्फार्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन) में भरने का काम जारी है।
यह काम स्कूली स्तर पर हो रहा है। इसमें बच्चों की हैल्थ, हाइट, ब्लड ग्रुप व वजन तक का भी जिक्र है। ये सूचनाएं भरने के बाद हर बच्चे को एक विशेष नंबर आबंटित किया जाएगा।
इस नंबर को परमानेंट एजुकेशन नंबर (पैन) नाम दिया गया है। यह नंबर स्कूल में बच्चों से संबंधित हर काम करने वाले के लिए अब इस नंबर का उपयोग करना जरूरी होगा।
बच्चों की टीसी काटने पर भी इस नंबर को भरना अनिवार्य होगा। नंबर नहीं भरने की स्थिति में बच्चों की ऑनलाइन टीसी जेनरेट नहीं हो पाएगी। इसके साथ ही डिजीलॉकर सहित अन्य जगह पर भी इसे लिंक किया जाएगा।
जहां से बच्चों का डाटा एक ही जगह स्टोरेज हो पाएगा। दूसरा फायदा यह भी होगा कि स्कूल छोडऩे वाले बच्चों को सरकार ट्रैक तक नहीं कर पाती थी कि उन्होंने किसी दूसरे स्कूल में प्रवेश भी लिया या नहीं।
गौर रहे कि फर्जी माक्र्सशीट से नौकरी पर अंकुश सरकार की ओर से विद्यार्थियों के लिए विभिन्न योजनाओं का फायदा दिया जाता है। इनमें अकसर फर्जीबाड़े के मामले सामने आते हैं।