शिमला : हिमाचल प्रदेश सरकार ने क्रिप्टोकरंसी के नाम पर ठगी के मामलों की जांच के लिए नॉर्दर्न रेंज के डीआईजी अभिषेक दुल्लर की अध्यक्षता में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम यानी एसआईटी के गठन का ऐलान किया है।
देहरा से निर्दलीय विधायक होशियार सिंह के सवाल के जवाब में विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह घोषणा उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने की।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि अभिषेक दुल्लर को यह काम इसलिए दिया जा रहा है, क्योंकि उनके पास सीबीआई में काम करने का अनुभव भी है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर ठगी के मामले हिमाचल समेत पूरे देश में आ रहे हैं।
राज्य में अब तक छह एफआईआर इस तरह के प्रकरणों में दर्ज हो चुकी है। इनमें से 30 जनवरी 2022 को बद्दी में एक एफआईआर दायर हुई थी। उसके बाद 2022 में ही चार नए मामले मंडी जिला के बल्ह में दर्ज हुए।
इसके बाद 23 जनवरी 2023 को इसी साल सीआईडी साइबर थाना शिमला में भी मामला दर्ज किया गया है और अब इसकी जांच धर्मशाला ट्रांसफर की गई है। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि ऐसे मामलों में अब तक पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिसमें से तीन हिमाचल के हैं और दो पंजाब के।
जबकि एफआईआर में अभी 13 और आरोपी शामिल हैं। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जो लोग कम समय में ज्यादा पैसा कमाना चाहते हैं, वो ही इस तरह के लालच में फंसते हैं। हिमाचल में पुलिस और साइबर सेल को अब तक 56 शिकायतें क्रिप्टोकरंसी के नाम पर ठगी की मिल चुकी हैं।
प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जरिए यह मामला निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने उठाया था। उन्होंने कहा कि हिमाचल में ही 200 करोड़ से ज्यादा का फ्रॉड अभी तक हो चुका है।
हमीरपुर, ऊना, कांगड़ा, बिलासपुर जैसे जिलों में यह नेटवर्क बहुत तेजी से ठगी कर रहा है। उनके अपने चुनाव क्षेत्र देहरा में ही 10 करोड़ से ज्यादा की ठगी है। उन्होंने 425 लोगों की लिस्ट भी सदन के पटल पर रखी, जिनके साथ ठगी हो चुकी है।
विधायक ने मांग की की पूरे प्रदेश में इस तरह के मामलों की जांच के लिए एक अलग से एजेंसी क्रिएट की जाए। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि क्योंकि इस तरह की ठगी तभी होती है, जब लोग कम समय में ज्यादा पैसा बनाना चाहते हैं। इसलिए लोगों की अवेयरनेस भी जरूरी है।