जोगिन्दरनगर क्षेत्र में धूमधाम से मनाया जा रहा सैर उत्सव

आप सभी को सैर उत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं, सोमवार को पूरे जोगिन्दरनगर क्षेत्र में सैर उत्सव बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। लोगों ने सोमवार सुबह सैर की पूजा अर्चना की।

लोगों ने सुबह सवेरे की सैर की पूजा

इसके साथ ही रविवार को काला महीना (भादो) समाप्त हो गया है। समस्त जोगिन्दरनगर उपमंडल में इस महीने के पहले दिन का विशेष महत्व होता है, यह दिन सायर उत्सव जिसे हम अपनी लोकल भाषा में सैर के नाम से पुकारते है मनाया जाता है।

नई दुल्हनें लौटेंगी पिया के घर

वहीं काला महीना समाप्त होने के बाद आज सायर उत्सव के दिन मायके गई सुहागिनें इस अपने पिया के घर लौट आएंगी।

चौहार घाटी में होते हैं मेले

उपमंडल पद्धर के दुर्गम क्षेत्र चौहार घाटी में भी सायर मेले की तैयारी कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। क्षेत्र के लोग इस उत्सव को एक दूसरे को अखरोट व दूब दे कर एक दूसरे के साथ गले मिलते हैं व बधाई देते है तथा भगवान से प्रार्थना करते है यह उत्सव हर इसी तरह मनाते रहें ।

दुर्गम क्षेत्र चौहारघाटी के बरोट, थल्टूखोड, सुधार, रोपा, लपास, हुरंग, लटरान आदि क्षेत्र में इस सायर उत्सव को विशेष महत्व देते हैं।

देवी देवताओं का मिलता है आशीर्वाद

यहां के लोग देवी देवताओं की पूजा कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते है इसी दिन चौहारघाटी के सभी देवता अपने स्थान से निकल कर एक दिन के लिए ग्रामीण लोगों के साथ इस सायर त्योहार में एकत्रित हो कर लोगों को आशीर्वाद देते हैं।

लोग देर रात तक इस सायर त्योहार का गाने बजाने के साथ पहाड़ी लोक नृत्यों की धूम भी होती है। उपमंडल पद्धर के चौहारघाटी क्षेत्र में यह उत्सव 15 दिन तक मनाया जाता है।

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