यातायात के लिए बंद हुआ रोहतांग दर्रा

बर्फ से लदे रोहतांग दर्रे में तीसरे दिन भी वाहनों की आवाजाही सुचारू रूप से चली। रोहतांग दर्रे में मार्ग के जिस भाग में धूप नहीं पहुंच रही वहां बर्फ  व पानी जमने से जोखिम बरकरार है। रोहतांग दर्रा अब वाहनों के लिए बंद कर दिया गया है। लाहौल-स्पीति डी.सी. देवा सिंह नेगी ने दर्रा बंद करने की घोषणा कर दी है। प्रशासन का कहना है कि बी.आर.ओ. ने 15 नवम्बर को ही रोहतांग दर्रा बंद कर दिया था। रोहतांग दर्रे सहित लाहौल घाटी में बर्फबारी हो गई है, जिससे दर्रे में वाहनों की आवाजाही पूर्ण रूप से बंद हो गई। दर्रे के दोनों ओर सैंकड़ों लोग फंस गए थे।

बर्फ में फंसे लोगों को निकाला

बी.आर.ओ. ने फंसे लोगों को निकालने के लिए लगातार 3 दिन 12 घंटे काम करते हुए दर्रा बहाल कर लोगों को निकाला, इसके बाद रोहतांग दर्रा प्रशासनिक तौर पर बंद करने के आदेश जारी कर दिए। राहगीरों की सुरक्षा व मदद के लिए प्रशासन ने कोकसर और मढ़ी में बचाव दल तैनात किए हैं। ये रैस्क्यू दल दिसम्बर 31 तक अपनी सेवाएं देंगे और पैदल दर्रा पार करने वालों की मदद करेंगे।

 

वाहनों की संख्या हुई कम

बी.आर.ओ. ने रोहतांग दर्रे को तो बहाल कर दिया है लेकिन सड़क में दोनों ओर लगे बर्फ  के ढेरों को देखते हुए लाहौल-स्पीति प्रशासन ने केलांग-मनाली मार्ग को वन वे कर दिया है। 2 दिनों तक दर्रा आर-पार करने वालों की संख्या अधिक रही लेकिन अब वाहनों की संख्या कम हो गई है। शनिवार को केलांग की ओर से 100 से अधिक वाहन दर्रा पार कर मनाली पहुंचे जबकि मनाली से भी 20 के लगभग वाहन दर्रा पार कर लाहौल पहुंचे।

 

 

 

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