पे-कमीशन की विसंगतियों में से कुछ दूर होने वाली हैं। इस बारे में अच्छी खबर जल्द कर्मचारियों को मिलेगी। कोरोना से रिकवर होने के बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना बुधवार को सचिवालय आए। पे-कमीशन की विसंगतियों पर इन्होंने अपने ब्रांच अधिकारियों के साथ बैठक की।
इसमें बताया गया कि पे-कमीशन में संशोधन के लिए कुछ आठ ज्ञापन अब तक पे-रिविजन ब्रांच में पहुंचे हैं। इन पर वर्कआउट करने के आदेश ब्रांच को दिए गए हैं। इस काम को देख रहे डिप्टी कंट्रोलर फायनांस पेंशन भी हालांकि कोरोना पॉजिटिव हैं, लेकिन फिर भी एसीएस फायनांस ने शुक्रवार फाइल मंगवाई है।
इसके बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के धर्मशाला से लौटने के बाद ही इस बारे में आगे की रणनीति तय होगी। वित्त सचिव खुद सीएम से बात कर इस बारे में आगे का रास्ता तय करेंगे, ताकि विसंगतियों को दूर किया जा सके। बुधवार को ही अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अश्वनी ठाकुर ने भी प्रबोध सक्सेना से मुलाकात की और तीन बिंदुओं पर करेक्शन की मांग की।
इनमें 15 फीसदी का विकल्प देने, हायर ग्रेड-पे के मामले को सेटल करने और 4-9-14 की एसीपीएस बहाल करने की मांग शामिल है। इसमें से सबसे उलझा हुआ मामला हायर ग्रेड-पे का है, जिसे कर्मचारी सामान्य तौर पर प्रोबेशन कह रहे हैं। इसके कारण बहुत नुकसान कई कैटेगिरी में हो रहा है। इस सारे मामले को अब वित्त विभाग ही देखेगा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी? यह सारा मामला अब मुख्यमंत्री के साथ वित्त विभाग की बैठक के बाद तय होगा।
जयराम सरकार को दो लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को इसी महीने से नया पे-कमीशन देना है। चूंकि जनवरी की सैलरी नए पे-कमीशन के हिसाब से बनेगी, इसलिए अतिरिक्त वित्तीय बोझ भी आएगा क्योंकि इसके साथ 28 फीसदी का डीए भी शामिल है। ऐसे में सरकार ने इसी महीने एक हजार करोड़ का लोन लेने का फैसला लिया है।