हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को साल में सिर्फ एक बार 31 मार्च को ही सेवानिवृत्त करने की तैयारी है। राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी लेकर इसी शैक्षणिक सत्र से यह व्यवस्था लागू करने के लिए शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर दिया है।
स्कूलों में पढ़ाई का माहौल बनाए रखने को विश्वविद्यालय की तर्ज पर सेवानिवृत्ति करने की योजना बनाई गई है। शैक्षणिक सत्र के बीच में शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने से कई स्कूलों में पूरा साल कई पद रिक्त ही रहते हैं।
इस समस्या को दूर करने के लिए नया प्रस्ताव बनाया गया है। आगामी कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव पेश किया जाएगा।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सेवानिवृत्ति को लेकर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की तर्ज पर अब स्कूलों में भी साल में एक बार ही सेवानिवृत्त करने का विचार है।
विभाग का प्रस्ताव सिरे चढ़ा तो सत्र 2025-26 से शिक्षकों की साल में सिर्फ एक बार सेवानिवृत्ति होगी। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में शिक्षा का स्तर गिरने का एक बड़ा कारण शिक्षकों के पद रिक्त रहना भी है। इसके चलते शिक्षकों की जवाबदेही सुनिश्चित नहीं हो पा रही है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बीते दिनों शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में कड़े फैसले लेने वाला प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों ने बताया कि विषय शिक्षक की सेवानिवृत्ति होने और नए शिक्षक के पद ग्रहण करने में काफी समय लगने से पढ़ाई प्रभावित होती है।
इसका असर परीक्षा परिणामों में साफ दिखाई देता है। इसको देखते हुए शिक्षा विभाग ने साल में एक बार ही शिक्षकों को सेवानिवृत्त करने का प्रस्ताव बनाया है।
बीते साल प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के तबादले सिर्फ शैक्षणिक सत्र के अंत में करने का फैसला लेते हुए पूरे साल तबादलों पर रोक लगाकर रखी।
इस फैसले के अब सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। इस फैसले से उत्साहित शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने अब सेवानिवृत्ति भी साल में एक बार ही करने का प्रस्ताव तैयार किया है।