हिमाचल पुलिस की कांस्टेबल भर्ती के लिए आयु सीमा में एक साल और छूट दी जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने यह निर्देश मुख्य सचिव को दिए थे। उसके बाद पिछले कल ही मुख्य सचिव ने होम, पुलिस और कार्मिक विभाग के साथ बैठक की है।
बैठक में हुई चर्चा के अनुसार कुल तीन बदलाव इस भर्ती में किया जा रहे हैं। इसके लिए पुलिस भर्ती नियमों में फिर से संशोधन किया जा सकता है।
इसी कारण 18 जून को होने वाली कैबिनेट की बैठक में यह मामला दोबारा भेजा जा सकता है। राज्य सरकार पुलिस भर्ती में हुई देरी के कारण पात्रता आयु सीमा में एक साल की वन टाइम छूट देना चाहती है।
इसके अलावा पुलिस मुख्यालय जवानों की हाइट के हिसाब से अंकों में बदलाव करना चाहता है। इससे पहले लोक सेवा आयोग ने जिला केडर को लेकर सवाल उठाया था, जिसका जवाब अभी आयोग को दिया जाना है।
क्लास 3 की भर्तियों में सामान्य तौर पर आवेदन राज्य स्तर पर होते हैं, लेकिन पुलिस भर्ती में जिला केडर के हिसाब से भर्ती करने का प्रावधान है।
लोक सेवा आयोग को पहली बार यह भर्ती दी जा रही है, क्योंकि पुलिस ने खुद एग्जाम करने से मना कर दिया था। पुलिस मुख्यालय ने 1226 पदों को भरने के लिए रिक्विजिशन लोक सेवा आयोग को भेज दी है, लेकिन नियमों में क्लेरिटी न होने के कारण लोक सेवा आयोग ने अभी तक आवेदन नहीं मांगे हैं।
यदि नियमों में फिर से बदलाव हुआ तो भर्ती में और देरी हो जाएगी। इसलिए 18 जून को कैबिनेट की बैठक का इंतजार करना होगा।
राज्य सरकार ने कांस्टेबल के 1226 पद भरने का फैसला 14 सितंबर, 2023 को हुई कैबिनेट की बैठक में हुआ था, लेकिन अब तक प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। अब दिक्कतें आ रही हैं और मुख्य सचिव को खुद ये मामला देखना पड़ रहा है।
कैबिनेट की कई बैठकों में हिमाचल प्रदेश पुलिस डिपार्टमेंट (रिक्रूटमेंट ऑफ कांस्टेबल्स) रूल्स को लाया गया। इससे पहले 29 जनवरी, 2024 को भी एक संशोधन हुआ था।
भर्ती में पहली बार डोप टेस्ट
पुलिस कांस्टेबल के 1226 पदों में से 870 पद पुरुष कांस्टेबल के और 292 पद महिला कांस्टेबल के हैं, जबकि 57 ड्राइवर भी भर्ती होने हैं।
पहली बार पुलिस भर्ती में डोप टेस्ट हो रहा है, ताकि यह पता किया जा सके कि भर्ती होने आ रहे युवा कहीं ड्रग्स के आदि तो नहीं हैं।
फिजिकल टेस्ट पहले के अनुसार पुलिस विभाग ही करेगा और दस्तावेजों की छंटनी भी पुलिस विभाग को ही करनी है। नए नियमों के अनुसार मेडिकल एग्जामिनेशन भी पुलिस विभाग को ही दिया है।
करैक्टर सर्टिफिकेट की वेरिफिकेशन भी पुलिस डिपार्टमेंट ने करनी है। महिलाओं के लिए 30 फीसदी अधिक कोटा दिया जा रहा है।