वैसे तो चुने हुए पार्षदों, विधायकों, सांसदों, मंत्रियों आदि से देश की जनता की समस्याएं जल्दी से जल्दी हल करने की आशा की जाती है परंतु आमतौर पर यही सुनने को मिलता है कि ये समस्याएं हल नहीं हो पातीं।
परंतु कभी-कभार कुछ ऐसे उदाहरण भी सामने आते हैं जो इस बात की गवाही भरते हैं कि अभी भी ऐसे जनप्रतिनिधि मौजूद हैं जो जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाते हैं।
ऐसे 2 उदाहरण इसी महीने मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल तथा ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने पेश किए हैं।
4 दिसम्बर को जब कृषि मंत्री कमल पटेल ‘ हरदा’ में रात के लगभग 8 बजे कार से कहीं जा रहे थे तो रास्ते में अचानक उनकी दृष्टि दुर्घटना के परिणामस्वरूप सड़क के किनारे गंभीर रूप से घायल पड़े व्यक्ति पर पड़ी तो उन्होंने तुरंत अपनी गाड़ी रुकवाकर उसे अपने ही वाहन में बैठा कर जिला अस्पताल में दाखिल करवाया ।
इसके साथ ही उन्होंने लोगों से यह अपील भी की कि यदि कहीं उन्हें कोई घायल व्यक्ति दिखाई दे जाए तो उसकी सहायता अवश्य करें ।
जन समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता का दूसरा उदाहरण ग्वालियर में सड़कों की मुरम्मत नहीं होने से नाराज होकर चप्पल-जूते पहनना छोड़कर नंगे पांव चलने वाले मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने पेश किया है। प्रद्युम्न सिंह तोमर ने इस वर्ष 20 अक्तूबर को अपने गृह नगर ग्वालियर में खराब सड़कों की शिकायत मिलने पर एक समारोह में कहा :
” जनता को तकलीफ हो रही है। सड़कों को सही करने के लिए सरकार ने समय रहते पैसा दिया और अधिकारियों को इसे तुरंत सही करने के लिए कहा। जिस जनता ने मुझे चुना है, उनके सामने मैं सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर रहा हूं कि सड़कें नहीं बनी हैं और इसके लिए माफी भी मांग रहा हूं।”
तोमर ने आगे कहा, “जनता को जो पीड़ा हो रही है, उसका अहसास मुझे भी होना चाहिए। इसलिए जब तक (ग्वालियर की ) तीन सड़कों लक्ष्मण तलैया, गेंडे वाली सड़क और अस्पताल रोड की मुरम्मत नहीं होगी, तब तक मैं जूता-चप्पल नहीं पहनूंगा।”
प्रद्युम्न सिंह तोमर की इस घोषणा के बाद नगर निगम हरकत में आया और उसने शहर के कई इलाकों में खस्ता हाल सड़कों की मुरम्मत और निर्माण का कार्य शुरू किया। यह 66 दिनों के बाद पूरा होने पर ही श्री तोमर ने चप्पलें पहनीं ।
इस अवसर पर केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जिन सड़कों के लिए मंत्री तोमर ने चप्पलों का त्याग किया था, वे अब शानदार बन रही हैं।
मध्य प्रदेश के उक्त दोनों मंत्रियों ने जनसमस्याओं और परेशानियों को गंभीरता से लेते हुए इन्हें हल करने का जो उदाहरण प्रस्तुत किया है वह निश्चित ही अनुकरणीय है।
आशा करनी चाहिए कि हमारे अन्य पार्षद, विधायक, सांसद और मंत्री आदि भी इनसे प्रेरणा लेकर आगे आएंगे और जनता की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर यथाशीघ्र हल करवाने का प्रयास करेंगे।
साभार – विजय कुमार चोपड़ा, पंजाब केसरी