हिमाचल प्रदेश में 2 दिन बर्फबारी के बाद शुक्रवार को धूप खिलने से तापमान में तो वृद्धि हुई है लेकिन दुश्वारियां अभी कम नहीं हुई हैं। जहां बर्फबारी के बाद से जनजीवन पूरी तरह से पटरी पर नहीं लौटा है वहीं मौसम फिर से करवट लेने वाला है। शनिवार को आसमान में बादलों ने डेरा डाला हुआ है। वहीँ कई स्थानों पर बर्फ़बारी शुरू हो गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. सुरिंद्र पाल ने बताया कि 3 और 4 फरवरी को फिर से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इससे प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में बारिश-बफर्बारी की संभावना है।
राज्य में शुक्रवार की सुबह धूप खिली और लोग मौसम की खूबसूरती को निहारते दिखाई दिए। चारों ओर पेड़-पौधे और घर की छतें सफेद चादर से लिपटी दिखाई दे रही हैं और मनोरम द्दश्य देख पर्यटकों के चेहरों में खुशी देखते ही बन रही है।
लाहौल-स्पीति में हिमस्खलन का खतरा
4 फरवरी को चम्बा, कुल्लू, किन्नौर, शिमला और लाहौल-स्पीति में एक-दो स्थानों पर भारी बर्फबारी होने की संभावनाएं जताई हैं। हालांकि सोमवार को भी मौसम खराब रहेगा लेकिन मंगलवार से मौसम करवट लेगा और उसके बाद मौसम शुष्क रहने की संभावना है।
उधर लाहौल-स्पीति जिले में अब हिमस्खलन का भी खतरा बढ़ गया है। एसडीएम मनाली रमन शर्मा ने कहा कि हिमस्खलन को लेकर प्रशासन सतर्क है और हालात पर नजर रखे हुए है।
शिमला, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, किन्नौर और चम्बा के जिला में भी शीतलहर जैसी स्थिति बनी हुई है और 6 राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) पर हिमपात के कारण बर्फ की मोटी चादर बिछी हुई है।
शिमला में माइनस 0.6 डिग्री पहुंचा तापमान
पिछले 24 घंटों के दौरान न्यूनतम और अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। औसत न्यूनतम व अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहे। शिमला में न्यूनतम तापमान माइनस 0.6, पांवटा साहिब 8, सराहन 0 और देहरा गोपीपुर में 4 डिग्री रहा।
बर्फ में फिसलकर 20 लोग पहुंचे अस्पताल
बर्फबारी के चलते जहां सड़कों पर बर्फ शीशे की तरह पत्थर बन गई और फिसलन बढ़ गई, वहीं लोगों की हड्डियां टूटी हैं। आईजीएमसी व डीडीयू में बर्फ के कारण गिरने के 20 मामले आए हैं।
इनमें डीडीयू में 13 और आईजीएमसी में 7 मामले हैं। ये घटनाएं पुराना बस अड्डा, लक्कड़ बाजार, रिज, मालरोड व छोटा शिमला सहित अन्य क्षेत्रों में हुईं।