पैराग्लाइडिंग के लिए प्रसिद्ध घाटी बीड़ -बिलिंग में दूसरी बार नवंबर माह में पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप का आयोजन होने जा रहा है। इसके लिए बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन ने सभी प्रकार की तैयारियों को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। लेकिन अगर यहाँ पर सुविधाओं की बात करें तो आज भी शून्य हैं।
घोषणाओं पर नहीं हुआ अम्ल
मगर दुनिया भर में पैराग्लाइडिंग के लिए शीर्ष स्थान हासिल किए बिलिंग को सजाने संवारने और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए जो भी प्रयास किए गए, सरकारी जो भी घोषणाएं की गईं आज तक फलीभूत न हो सकीं।
पैदल रास्ता भी नहीं हुआ पक्का
सरकारी योजना नई मंजिल नई राहें के तहत बिलिंग को निखारने के लिए 168 करोड़ की राशि आने की बात कई बार कही गई थी।
इसके तहत यह घोषणा हुई की बीड़ से बिलिंग तक 14 किलोमीटर तक के पैदल चलने वाले रास्ते को विकसित करने के लिए रास्ते का निर्माण किया जाएगा, ताकि सैलानी बीड़ से बिलिंग तक ठंडी फिजाओं में ट्रैकिंग कर सकें।
ये हुई थी घोषणाएं
इसके साथ आधुनिक शरण स्थल, जगह-जगह आधुनिक शौचालय, बैठने के लिए बेंच, लाइटों की व्यवस्था के लिए प्रोपोजल बनाई गई थी। यही नहीं, मुख्य मार्ग पर सुंदर गेट बनाने की घोषणाएं की गई। मगर वह घोषणाएं कोरी साबित हुईं।
धनराशि हुई गायब
नई मंजिल नई राहें के तहत आई धन राशि कहां गायब हो गई किसी को कोई पता नहीं। जानकारी यह भी है कि उनमें से करीब नौ करोड़ रुपए तो वन विभाग द्वारा अपने विश्राम गृह को सुशोभित करने और हटस बनाने में खर्च किए।