हिमाचल सरकार लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले पे कमीशन और महंगाई भत्ते का एरियर चुकाने के लिए नए फार्मूले से आदेश जारी करेगी। इस बारे में वित्त विभाग में चर्चा चल रही है और जल्द इसे फाइनल कर मुख्यमंत्री को फाइल भेजी जाएगी।
वित्त विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार ने भी कहा है कि जल्द नया फार्मूला फाइनल हो जाएगा। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 4 मार्च को नए वेतन आयोग और महंगाई भत्ते का एरियर चुकाने के लिए एक नोटिफिकेशन जारी की थी, जिसमें मार्च महीने में 1.5 फ़ीसदी और पहली अप्रैल से हर महीने 0.25 फ़ीसदी एरियर का भुगतान होना था। कर्मचारियों ने इस फार्मूले का विरोध किया था, जिस कारण एक दिन बाद ही पांच मार्च को यह आदेश वापस लेने पड़े थे।
तब से नई नोटिफिकेशन का इंतजार कर्मचारी कर रहे हैं। उधर सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने मंगलवार को अपने अन्य पदाधिकारियों के साथ मिलकर प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार से मुलाकात की है।
कर्मचारियों ने वित्त सचिव को एक ज्ञापन दिया है, जिसमें कहा गया है कि जिनका एक लाख तक का एरियर है, उन्हें हर महीने पांच फीसदी और जिनका दो लाख तक का है, उन्हें हर महीने चार फ़ीसदी के हिसाब से सरकार भुगतान करे। इससे ज्यादा धनराशि वाले एरियर पर हर महीने तीन फ़ीसदी के हिसाब से सरकार भुगतान किया जाए।
मुलाजिमों का सुझाव
एक सुझाव यह भी है कि राज्य सरकार एकमुश्त 50,000 रुपए के हिसाब से भी किस्त दे सकती है, लेकिन 0.25 फ़ीसदी के हिसाब से फॉर्मूला नहीं होना चाहिए। दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने मंगलवार को चार फ़ीसदी महंगाई भत्ता और देने के आदेश जारी कर दिए।
इस अधिसूचना के बाद केंद्रीय कर्मचारियों को अब 50 फ़ीसदी महंगाई भत्ता हो गया है। यह बेसिक पे का 50 फ़ीसदी है, जबकि हिमाचल सरकार ने अभी 34 फ़ीसदी से चार फ़ीसदी बढक़र 38 फ़ीसदी महंगाई भत्ते को किया है।
अब यहां भी राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में ही 12 फ़ीसदी का भुगतान बाकी हो गया है। राज्य सरकार ने दो मार्च को जारी अधिसूचना में चार फ़ीसदी महंगाई भत्ते की किस्त दी थी, जिस पर कर्मचारियों और पेंशनरों को मिलाकर 580 करोड़ खर्च होने हैं। इसी महंगाई भत्ते की एक किस्त के एरियर का फार्मूला ही अभी फाइनल नहीं हो पा रहा है।