प्रदेश के स्कूलों में 31 मार्च के बाद रजिस्टर पर हाजिरी नहीं लगेगी। समग्र शिक्षा ने सभी स्कूलों को इस बारे में निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें विद्या समीक्षा ऐप पर ही हाजिरी लगेगी और सुबह-शाम की हाजिरी अपडेट होगी।
समग्र शिक्षा ने इस बारे में बड़ा सराहनीय काम किया है और पहली अप्रैल से इसे शत-प्रतिशत लागू कर दिया जाएगा। इस बारे में स्कूल रोजाना अपडेट दे भी रहे हैं। इसमें स्टूडेंट व शिक्षकों की अलग हाजिरी लग रही है।
ऐप के माध्यम से किसी भी स्कूल का स्टेटस चैक किया जा सकता है। समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा का कहना है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के मुताबिक सभी स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों की रियल टाइम अटेंडेंस लेना जरूरी है। विद्या समीक्षा केंद्र ने स्मार्ट उपस्थिति मोबाइल ऐप लांच की है। सभी स्कूलों को अपने शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति रियल टाइम देना अनिवार्य बनाया जा रहा है।
इसके लिए विद्या समीक्षा केंद्र ने राज्य, जिला स्तर पर डैशबोर्ड तैयार किए हैं, जिसमें स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति का डाटा राज्य, जिला स्तर पर ऑनलाइन अधिकारी देख सकते हैं। करीब 14 लाख छात्रों का डाटा इस पर अपलोड किया गया है, जिसमें से 90 प्रतिशत छात्रों का डाटा अपडेट हो चुका है।
ऐसे में अब ऐप पर छात्रों की हाजिरी ली जा सकती है। विद्या समीक्षा केंद्र द्वारा पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों के लर्निंग लेवल का मूल्यांकन संबंधी डाटा अपडेट करने के निर्देश भी जिला उपनिदेशकों और जिला कार्यक्रम अधिकारियों को दिए गए हैं।
विद्या समीक्षा केंद्र की ओर से निपुण प्रगति चैटबॉट लांच किए गए थे, जिनके माध्यम से कक्षा एक व दूसरी के बच्चों की लर्निंग लेवल का ऑनलाइन मूल्यांकन किया जा रहा है।
वहीँ प्रदेश के कालेजों में प्रोफेसर के पद यदि खाली हैं, तो जब तक नई भर्तियां नहीं होतीं, तब तक कालेज प्रिंसीपल वर्चुअली मोड में बच्चों को पढ़ाने का विकल्प निकालें। कालेज प्रिंसिपल के साथ हुई बैठक में शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने ये निर्देश जारी किए हैं।
इसमें बैठक के दूसरे दिन सुबह और शाम के दो सत्र हुए। सुबह के सत्र में कालेजों की ओर से बेस्ट प्रैक्टिस पर पीपीटी दिखाई गई। इसके बाद कालेज स्तर पर प्रिंसीपल को जो भी दिक्कतें आ रही हैं, उस बारे में चर्चा की गई।
एचपीयू से प्रो. शंशिकात ने नैक एक्रीडिटेशन के बारे में विस्तार से चर्चा की। कालेज प्रिंसिपल को ये निर्देश दिए गए कि शैक्षणिक माहौल बनाए रखने के साथ-साथ स्टूडेंट्स को गाइड भी किया जाए, ताकि वे आने वाले समय में बेहतर करियर का निर्माण कर सके।
कालेजों की रैकिंग पर चर्चा की गई, जिसमें इस बार कालेजों की राज्य स्तर पर रैकिंग की जानी है। दिसंबर तक का इसमें समय दिया गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने पहले दिन इस कार्यक्रम में कालेज प्रिंसीपल के साथ बातचीत की थी।
उन्होंने कहा था कि हिमाचल देश का पहला राज्य है, जो विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं की रैंकिंग कर रहा है, इससे शैक्षणिक संस्थाओं का आत्म निरीक्षण तथा अंकेक्षण सुनिश्चित होगा। संस्कृत महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर कक्षाएं आरंभ करने पर भी विचार किया जाएगा।