मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जो शैक्षणिक संस्थाओं की रैंकिंग कर रहा है। इससे संस्थाओं का आत्मनिरीक्षण और अंकेक्षण होगा, और उनकी कमजोरियों एवं ताकतों का पता चलेगा।
बेहतर रैंकिंग वाली संस्थाओं के लिए परफार्मेंस बेस्ड ग्रांट की व्यवस्था की जाएगी। यह बात उन्होंने शिमला के पीटरहॉफ में आयोजित प्रधानाचार्य सम्मेलन की अध्यक्षता के दौरान कही।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में कई कदम उठा रही है, जिनमें वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) फार्म का न्यूमेरिकल आधारित प्रणाली में बदलाव और ऑनलाइन प्रणाली का विकास शामिल है।
महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों को अधिक वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियां प्रदान की जाएंगी, जिससे सुशासन और कार्यों की समयबद्धता सुनिश्चित होगी।
उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और छात्रों को बेहतर भविष्य देने के लिए ‘हॉरली बेसिज पीरियड’ पर भी काम कर रही है, जिससे अध्यापकों की कमी होने पर भी सेवाएं दी जा सकेंगी। इसके साथ ही, संस्कृत महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर कक्षाएं शुरू करने पर भी विचार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी विधानसभा क्षेत्रों में एकीकृत खेल परिसर विकसित करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उन स्नातक महाविद्यालयों में बीएड पाठ्यक्रम शुरू करेगी जहां पर्याप्त आधारभूत ढांचा उपलब्ध है।
प्रदेश सरकार आगामी वित्त वर्ष से शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाने जा रही है। सरकार शैक्षणिक संस्थाओं को सुदृढ़ कर रही है क्योंकि गुणात्मक शिक्षा प्रदान किए बिना छात्रों को दी गई डिग्रियों की उपयोगिता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
प्रदेश सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने के लिए जुनून के साथ आगे बढ़ रही है। स्वास्थ्य शिक्षा में भी गुणात्मक बदलाव लाए जा रहे हैं और नवीनतम चिकित्सा प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करने के लिए भी नवोन्मेषी कदम उठाए गए हैं।
इस वर्ष इस क्षेत्र के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार प्राथमिक, प्रारंभिक तथा उच्च शिक्षा संस्थानों में उपलब्ध संसाधनों का सांझा उपयोग सुनिश्चित करने पर बल दे रही है।
समय की मांग के अनुरूप पहली कक्षा से छात्रों को अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा प्रदान करने की पहल को साकार किया गया है। इससे विशेष रूप से गांव के बच्चों को लाभ होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला, उपमंडल मुख्यालयों तथा पंचायत स्तर पर आधुनिकतम सुविधाओं से युक्त पुस्तकालय खोले जाएंगे। प्रथम चरण में 493 पुस्तकालय खोले जाएंगे, जिस पर 88 करोड़ रुपए व्यय करने का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार छात्रों को गुणात्मक, समावेशी, समता पूर्ण भविष्योन्मुखी और नई तकनीक आधारित शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने राजीव गांधी राजकीय डे बोर्डिंग स्कूल, डॉ. वाईएस परमार विद्यार्थी ऋण योजना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति सहित विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने प्रधानाचार्यों के साथ संवाद भी किया।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने भी शिक्षा क्षेत्र को सशक्त करने के लिए सरकार की योजनाओं पर चर्चा की और बताया कि शिक्षा विभाग में लगभग 15000 नए शिक्षक पद सृजित किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि जल्द ही करीब 5800 शिक्षक पदों को भरा जाएगा। इस सम्मेलन में शिक्षा सचिव राकेश कंवर और उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा ने भी अपने विचार सांझा किए और शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए निरंतर प्रयास करने का आह्वान किया।