हिमाचल में मरीज़ों की ऑनलाइन हिस्ट्री के लिए आभा कार्ड बनाए जा रहे हैं। प्रदेश में आभा कार्ड बनाने का काम वैसे तो आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ओर से किया जा रहा हैं, लेकिन आप खुद भी आभा कार्ड बना सकते है।
इसके लिए आपका भारत सरकार के ‘आयुष्मान भारत हैल्थ अकाउंट’ यानी आभा पोर्टल पर जाना होगा। इस पोर्टल पर आप आभा कार्ड स्वयं बना सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपका मोबाइल नंबर आधार कार्ड से लिंक होना अनिवार्य है।
सबसे पहले आयुष्मान डिजिटल हैल्थ मिशन की वेबसाइट खोलें। अब होम पेज पर क्रिएट योर आभा नंबर के विकल्प को क्लिक करें। इस पर आभा नंबर जेनरेट करने के लिए दो अलग-अलग तरह के ऑप्शन दिखाई देंगे, जो आपको आसान लगे, उसे चुनें।
आधार नंबर ऑप्शन पर क्लिक करें और अगले पेज पर उसका नंबर डालकर सबमिट कर दें।
रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आपको एक ओटीपी दिखाई देगा। इसे डालकर आप आभा कार्ड का एप्लिकेशन भर दें। एप्लीकेशन में पूछी गई जानकारी देने के बाद उसे सबमिट करें। इसके बाद अपनी फोटो अपलोड कर दें।
इसके लिए माई अकाउंट पर क्लिक करना होगा। फिर दिए गए ऑप्शन में से एडिट प्रोफाइल पर क्लिक कर अपना फोटो अपलोड करें। यह प्रक्रिया पूरी होने पर सबमिट बटन पर क्लिक कर दें। आभा कार्ड बन जाएगा। इसे डाउनलोड कर लें।
ऐसे दिखेगी पुरानी हिस्ट्री
बच्चों के टीकाकरण से लेकर बड़े होने तक की सभी बीमारियों के उपचार के लिए अलग अलग स्वास्थ्य पोर्टल बने हुए हंै। इन पोर्टल पर मरीज़ों की जानकारियां उपलब्ध होती है।
इन सभी पोर्टल के साथ आभा आईडी लिंक की जाएगी। सभी टीकाकरण से लेकर अन्य सभी रोगों की जानकारी आभा आईडी पर उपलब्ध हो जाएगी।
कार्ड बनने के बाद पिछली सभी रिपोर्ट्स आप खुद भी स्कैन करके अपलोड कर सकते हैं, लेकिन आगे की सभी रिपोट्र्स अपने आप अपलोड होती रहेंगी।
प्रदेश में अभी तक कुल 37 लाख लोगों के आभा कार्ड बना दिए गए है, जबकि बाकी बची आबादी के आभा कार्ड 31 दिसंबर तक बनाए जाएंगे। कार्ड में आपके स्वास्थ्य से संबंधित पूरी जानकारी डिजिटल फॉर्मेट में दर्ज होती रहेगी।
जब आप किसी अस्पताल में इलाज कराने जाएंगे, तो आपको पुराने सभी रिकॉर्ड वहीं डिजिटल फॉर्मेट में मिल जाएंगी। अगर आप किसी दूसरे शहर के अस्पताल भी जाए, तो वहां भी यूनीक कार्ड के जरिए डाटा देखा जा सकेगा। इससे इलाज में आसानी होगी।